उपलब्धियों से शुरुआत, विवादों के बीच खत्म हुआ साल

उपलब्धियों से शुरुआत, विवादों के बीच खत्म हुआ सालअलविदा 2015 : नगर निगम- नगर आयुक्त व डिप्टी मेयर के विवाद के बीच साल का हुआ अंत – नये साल के पहले दिन ही ऐतिहासिक भीड़ ने तोड़ा था निगम का वसूली रिकॉर्ड – शुरुआती छह माह में निगम ने उपलब्धियों का रचा इतिहास, खूब हुई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 1, 2016 12:18 AM

उपलब्धियों से शुरुआत, विवादों के बीच खत्म हुआ सालअलविदा 2015 : नगर निगम- नगर आयुक्त व डिप्टी मेयर के विवाद के बीच साल का हुआ अंत – नये साल के पहले दिन ही ऐतिहासिक भीड़ ने तोड़ा था निगम का वसूली रिकॉर्ड – शुरुआती छह माह में निगम ने उपलब्धियों का रचा इतिहास, खूब हुई सराहना संवाददाता, मुजफ्फरपुरशहर के लिए साल का शुरुआती महीना जितना बेहतर व उपलब्धियों से भरा रहा, अंतिम दो महीना उतना ही खराब व विवादों के बीच बीता. डिप्टी मेयर सैयद माजिद हुसैन व नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन में शुरू हुए विवाद के बीच डिप्टी मेयर के खिलाफ पार्षदों की ओर से लाये गये अविश्वास प्रस्ताव ने कुछ दिनों के लिए शहर के विकास को पूरी तरह से ठप कर दिया. वर्ष 2015 के पहले दिन ही जुब्बा सहनी पार्क में शहरवासियों की उमड़ी रिकॉर्ड भीड़ ने निगम के खजाना को भर दिया. एक दिन में सिर्फ प्रवेश कूपन से डेढ़ लाख से अधिक रुपये की ऐतिहासिक वसूली हुई. होल्डिंग टैक्स वसूली में भी निगम ने रिकॉर्ड तोड़ा. लेकिन साल के बीतते-बीतते स्थिति बिगड़ते चली गयी. सालों से शहर में जलजमाव गंभीर समस्या बनी थी, जिसे बारिश के महीनों में नगर निगम नहीं होने दिया. साफ-सफाई की व्यवस्था भी सुधरी. इसके लिए तत्कालीन नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा के कार्यों को लोगों ने खूब सराहा. पार्षद से लेकर विधायक व सांसद तक ने उन्हें बधाई दी. इसके बाद नगर निगम ने शहर के करीब दो सौ छोटे-बड़े सड़क व नाला निर्माण की योजनाओं की टेंडर प्रक्रिया को पूरा कर काम शुरू किया, लेकिन साल बीत गया और योजनाएं पूरी नहीं हो सकीं. शुरुआती दौर में नगर निगम का परफॉरमेंस जितना बेहतर था, अंत उतना ही खराब होता चला गया. नगर निगम से जुड़ी शहर की तमाम व्यवस्थाएं बेपटरी हो गयीं. स्मार्ट सिटी का मिला तोहफा शहर को स्मार्ट सिटी का तोहफा मिलने से वर्ष 2015 को शहरवासी व नगर निगम कभी नहीं भूल सकते. मई में शुरू हुई प्रक्रिया को तत्कालीन नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने निगम कर्मियों की कड़ी मेहनत के बदौलत जून-जुलाई में हुए कंपटीशन में राज्य में अव्वल आकर देश के 98 शहरों की सूची में अपना स्थान बना लिया, लेकिन टॉप-20 में शहर का चयन होगा या नहीं, इसको लेकर शहर के लोगों में कंपटीशन से पूर्व ही नकारात्मक सवाले उठने लगे हैं. बॉक्स के लिएभवन निर्माण की लौटी राशिकई साल से नगर निगम के खजाने में पड़ी प्रशासनिक भवन निर्माण की राशि वर्ष 2015 में लौट गयी. वर्ष के शुरुआती महीने में ही नगर विकास एवं आवास विभाग ने राशि लौटाने का निर्देश दिया, लेकिन तत्कालीन नगर आयुक्त ने पहल कर राशि लौटने पर रोक लगवायी. इसके बाद निर्माण प्रक्रिया को तेजी के साथ शुरू किया गया, लेकिन साल के अंत तक इस प्रक्रिया को निगम प्रशासन ने पूरा नहीं किया. इस कारण दोबारा सरकार ने राशि को वापस करने का फरमान जारी कर इसे स्वच्छता मिशन योजना में खर्च करने का निर्देश दे दिया. इन्हें पूरा नहीं कर पाया निगम- डीपीआर बनने के बाद भी शहर में नहीं शुरू हो पाया सौंदर्यीकरण का काम- अनियंत्रित ट्रैफिक व अतिक्रमण से शहर को नहीं मिली मुक्ति – ऊंच-नीच सड़क व नाला बनाने के खिलाफ रणनीति के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं – कई सालों से निगम के खजाना में राशि के बाद भी आम्रपाली ऑडिटोरियम का कायाकल्प नहीं – ड्राइवर बहाली में पेच के कारण सड़कों पर नहीं उतरा ऑटो ट्रिपर – सिटी, चिल्ड्रेन व प्रियदशर्नी पार्क को प्रशासन नहीं कर सका चालूइन कार्यों को पूरा करने का होगा लक्ष्य – स्मार्ट सिटी टॉप-20 कंपटीशन को पास करना सबसे बड़ी चुनौती – डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के साथ घर-घर पानी का कनेक्शन देना- शहर से बाहर रौतनिया में कूड़ा ट्रीटमेंट प्लांट लगाना- बारिश से पूर्व फरदो नाला की उड़ाही कर बूढ़ी गंडक नदी किनारे जगह-जगह संप हाउस का निर्माण – वित्तीय वर्ष 2015-16 के राजस्व वसूली के लिए निर्धारित लक्ष्य का पूरा करना- शहर में जितने तालाब व सब्जी-फल मंडी हैं, उनके सौंदर्यीकरण का काम – घिरनी पोखर, सादपुरा व नयी बाजार में वेंडिंग जोन बना सब्जी व फल दुकानों को शिफ्ट करना- ऑटो पड़ाव के लिए स्थल चिह्नित कर पड़ाव का निर्माण- इंटेलीजेंस ट्रैफिक सिस्टम को डेवलप करना एवं शहर में सीसीटीवी कैमरा लगाने की प्रक्रिया को पूरा करना- सोडियम वैपर लाइट को बदल एलइडी स्ट्रीट व हाइ मास्ट लाइट लगाना \\\\I

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