चाट रहा था जूठा पत्तल कभी सड़क पर पड़ा हुआ
चाट रहा था जूठा पत्तल कभी सड़क पर पड़ा हुआ – नाती के लिए पूर्व सैनिक को नहीं मिला एजुकेशन लोन – मुख्यमंत्री से लगायी गुहार, गरीबों को नहीं मिलता कर्ज संवाददाता, मुजफ्फरपुर ‘चाट रहा था जूठा पत्तल, कभी सड़क पर पड़ा हुआ/ उसे झपट लेने को, कुत्ता भी था अड़ा हुआ.’ कवि जानकी वल्लभ […]
चाट रहा था जूठा पत्तल कभी सड़क पर पड़ा हुआ – नाती के लिए पूर्व सैनिक को नहीं मिला एजुकेशन लोन – मुख्यमंत्री से लगायी गुहार, गरीबों को नहीं मिलता कर्ज संवाददाता, मुजफ्फरपुर ‘चाट रहा था जूठा पत्तल, कभी सड़क पर पड़ा हुआ/ उसे झपट लेने को, कुत्ता भी था अड़ा हुआ.’ कवि जानकी वल्लभ शास्त्री की इन पंक्तियों के साथ ही पूर्व सैनिक ने अपनी पीड़ा मुख्यमंत्री तक पहुंचायी है. उसका दर्द है कि कई दिनों तक बैंक का चक्कर काटने के बाद भी नाती की पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन नहीं मिला. पूर्व सैनिक का कहना है कि मुख्यमंत्री बतायें कि बच्चों की पढ़ाई के लिए हमें कर्ज लेने का अधिकार है या नहीं. अगर है, तो फिर कर्ज क्यों नहीं मिलता. सरैया थाना क्षेत्र के गोरीगामाडीह निवासी पूर्व सैनिक रामचंद्र प्रसाद शाही ने कभी देश की सेवा सरहद पर रहकर की थी. जब रिटायर होकर घर आये तो सिस्टम के चक्कर में फंस गये. उनका कहना है कि पिछले एक साल से परेशानी झेल रहे हैं. उनका नाती प्रिंस कुमार डेढ़ साल से एएमइटी यूनिवर्सिटी चेन्नई में पेट्रोलियम इंजीनियरिंग कोर्स कर रहा है. प्रति सेमेस्टर 1.20 लाख रुपये जमा करना पड़ता है. तीसरा सेमेस्टर समाप्त हो चुका है. चेन्नई में पिछले महीने आयी बाढ़ के कारण सभी बच्चों को घर भेज दिया गया था. पूर्व सैनिक ने नाती की पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए एजुकेशन लोन का आवेदन दिया. 10 दिनों तक उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के रीजनल आॅफिस चक्कर मैदान व समरसपुर ब्रांच ऑफिस का चक्कर लगाने के बाद भी लोन नहीं मिला. इस बीच उन्होंने दो-तीन हजार रुपये भी खर्च कर दिये. मजबूर होकर तीन जनवरी को नाती को वापस भेज दिया, क्योंकि 7 जनवरी से तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा होनी है.