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मुजफ्फरपुर जेल से दानी यादव ने मांगी 20 लाख की रंगदारी

मुजफ्फरपुर : शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा से फिर रंगदारी मांगे जाने की बात सामने आयी है. जेल में बंद कुख्यात दानी यादव व बबलू सटवा ने आरा के ठेकेदार सुनील कुमार सिंह से फोन व एसएमएस करके 20 लाख रुपये रंगदारी मांगी. रंगदारी नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी गयी है. […]

मुजफ्फरपुर : शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा से फिर रंगदारी मांगे जाने की बात सामने आयी है. जेल में बंद कुख्यात दानी यादव व बबलू सटवा ने आरा के ठेकेदार सुनील कुमार सिंह से फोन व एसएमएस करके 20 लाख रुपये रंगदारी मांगी. रंगदारी नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी गयी है.
ठेकेदार सुनील कुमार सिंह ने इसको लेकर धोबहा ओपी में प्राथमिकी करायी है. सुनील कुमार बरहरा के पूर्व विधायक आशा देवी के रिश्तेदार हैं. दानी यादव के रंगदारी मांगे जाने की सूचना के बाद केंद्रीय जेल अधीक्षक ई जितेंद्र कुमार ने उसके वार्ड में छापेमारी की, लेकिन कुछ बरामद नहीं हुआ. इधर, दानी यादव को सेल में बंद कर दिया गया है. उसे भागलपुर जेल भेजे जाने की अनुशंसा की गयी है.
दोपहर में मांगी थी रंगदारी. जेल में बंद दानी यादव ने बुधवार को दोपहर आरा के ठेकेदार सुनील कुमार सिंह के मोबाइल पर दो मैसेज किया.
मैसेज में लिखा था कि 20 लाख रुपये रंगदारी दो, नहीं तो जान से मार देंगे. मैसेज भेजनेवाले ने अपना नाम दानी यादव व बबलू सटवा लिखा था. शाम करीब तीन बजे के सुनील कुमार के मोबाइल पर फोन आया. फोन करनेवाले व्यक्ति ने अपना नाम दानी यादव बताया और रंगदारी में 20 लाख रुपये की मांग की. दानी यादव ने यह भी कहा कि वह मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल से बोल रहा है. अगर रंगदारी नहीं दी गयी, तो उसकी हत्या कर दी जायेगी. इसके बाद सुनील कुमार ने धोबहां ओपी पहुंच रंगदारी की प्राथमिकी दर्ज करायी.
पहले भी रंगदारी मांग चुका है दानी
सेंट्रल जेल में बंद दानी यादव पहले भी रंगदारी मांग चुका है. दानी यादव ने आरा के कोचिंग संचालक सौरभ कुमार से पांच लाख, संतोष कुमार से भी पांच लाख, हरेंद्र सिंह व आरबी सिंह से दस लाख की रंगदारी मांगी थी. इसके अलावा एक पेट्रोल पंप मालिक से भी जेल में बंद होने के दौरान ही रंगदारी मांगी थी. इसके बाद दानी का गया जेल स्थानांतरण कर दिया गया था. दानी यादव आरा के बिहियां का रहने वाला है.
आखिर कहां गया मोबाइल ?
दानी यादव ने पहली बार जेल में रहते हुये रंगदारी नहीं मांगी है. इससे पहले वो जेल की सलाखों के पीछे से रंगदारी मांगता रहा है. इससे साफ पता चलता है कि जेल के अंदर कोई ऐसा नेटवर्क काम कर रहा है, जो दानी यादव जैसे कुख्यात को मोबाइल मुहैय्या करा रहा है, क्योंकि अगर दानी के पास मोबाइल होता, तो वो छापेमारी के दौरान बरामद हो जाता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. ये जांच का विषय है.
कहीं मिलीभगत तो नहीं?
दानी यादव ने जिस मोबाइल से रंगदारी मांगी, आखिर वो कहां गया. ये सबसे बड़ा सवाल है, जो जेल प्रशासन के सामने है. जेल प्रशासन की ओर से बुधवार को जेल में छापेमारी की गयी. इस दौरान दानी यादव के बैरक की जांच की गयी, लेकिन उसके पास मोबाइल नहीं मिला. ऐसे में सवाल यही उठता है कि आखिर मोबाइल गया कहां? कहीं ऐसा तो नहीं कि जेल के अंदर मिलीभगत से तो काम नहीं हो रहा है.

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