मुजफ्फरपुर . शिकारगंज के रसुलपुर गांव का रहने वाला हार्डकोर नक्सली बिंदा राम ने आजाद हिंद फौज के चंपारण चीफ मनोज सिंह की हत्या के लिए बैठक की थी.
उसमें मनोज सिंह के अलावे आजाद हिंद फौज के अन्य सदस्यों को मौत के घाट उतारने का फरमान जारी हुआ था. उस बैठक में नक्सलियों द्वारा लिया गया फैसला मनोज सिंह के कानों तक पहुंचा, जिसके बाद बिंदा राम को मारने के लिए शिवहर के तरियानी छपरा गांव में आजाद हिंद फौज के संस्थापक नितेश सिंह के आवास पर एक गुप्त बैठक हुई. उसके बाद आठ नवंबर 2015 की रात आजाद हिंद फौज के सदस्यों ने बिंदा राम को घर से उठाकर गोलियों से छलनी कर लिया. इसका खुलासा मनोज के साथ गिरफ्तार पताही डुमरीबैजू गांव के राहूल सिंह ने किया है.
उसने पुलिस को दिये स्वीकारोक्ति बयान में बताया है कि बिंदा की हत्या करने शिवहर से नितेश सिंह भी आया था.उसकी हत्या में मनोज सिंह, राहूल सिंह,गोविंदबारा के सुधीर सिंह, धनंजय सिंह के अलावे शिवहर तरियानी छपरा के दिनेश सिंह व नितेश सिंह शामिल थे.
घटना को अंजाम देकर सभी लोग मनोज सिंह के गांव पकड़ीदयाल के सिसहनी पहुंचे, उसके बाद अहले सुबह ठिकाना बदल दिया. राहुल ने पूछताछ में आजाद हिंद फौज का सारा चिठ्ठा खोल दिया है.
उसने अपराध जगत में कैसे कदम रखा, इसका भी खुलासा किया है. उसने पुलिस को बताया है कि गांव में हनुमान अराधना हुआ था. उसमें चकिया रामपुर का रामा सिंह भी पहुंचा था. रामा सिंह की पहचान चिरैया सेनवरिया के सोनू सिंह से थी. 31 मार्च 2013 को रामा सिंह यह कहते हुए राहुल को अपने साथ बुलाकर नुनफरवा ले गया कि कुछ लोगों से परिचय करना है. वहां आपराधिक किस्म के कई लोग थे. वहां पर पेट्रौल पंप लूट की योजना बनायी जा रही थी कि पुलिस ने छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया.