जिले में 70 प्रतिशत प्रसूति महिलाएं बच्चों को पिलाती अपना दूध
जिले में 70 प्रतिशत प्रसूति महिलाएं बच्चों को पिलाती अपना दूध
-स्वास्थ्य योजना समेत कर्मियों के कार्यों की डीएम ने की समीक्षा मुजफ्फरपुर. महिलाओं के स्वास्थ्य व पोषण, गर्भवती माताओं का स्वास्थ्य परीक्षण, रूटीन इम्यूनाइजेशन, परिवार नियोजन, संस्थागत प्रसव, जिले में रैंकिंग की स्थिति, डेंगू, चिकनगुनिया के रोकथाम का उपाय, आयुष्मान कार्ड की स्थिति, स्टॉप डायरिया अभियान की समीक्षा की गयी जिसमें डीएम सुब्रत कुमार सेन ने संबंधित पदाधिकारी व स्वास्थ्य कर्मी को जिम्मेदारी के साथ काम करने की चेतावनी दी. कार्य में कोताही और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों व न्यून प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को चिन्हित करने व कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. आईसीडीएस के तहत संचालित योजनाओं पोषाहार का वितरण, टीकाकरण, होम विजिट, प्री-स्कूल, एजुकेशन, हेल्थ चेकअप, मातृत्व वंदना योजना, परवरिश योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना आदि की समीक्षा करते हुए डी.पी.ओ. आई.सी.डी.एस. को न्यून प्रदर्शन करने वाले सीडीपीओ के कार्यों की समीक्षा कर प्रगति लाने का निर्देश दिया. राज्य स्वास्थ्य समिति की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि जिला की रैकिंग बच्चों को स्तनपान कराने में अव्वल है. 70 प्रतिशत प्रसूता महिलाएं बच्चों को स्तनपान कराती है. बताया गया कि इस वर्ष एइएस में एक भी डेथ का मामला नहीं आया. डेंगू एवं चिकेनगुनिया बीमारी के प्रति भी सावधान रहने, जागरूक रहने एवं सुरक्षित रहने को कहा है. इसके लिए लोगों को जागरूक करने को कहा. डेंगू एवं चिकनगुनिया की बीमारी संक्रमित एडिस मच्छर के काटने से होता है. यह मच्छर दिन में काटता है. साफ पानी में पनपता है. डेंगू एवं चिकनगुनिया में लक्षण के रूप में तेज बुखार, त्वचा पर लाल धब्बे एवं काला पैखाना होता है. बचाव के रूप में मच्छरदानी का इस्तेमाल मच्छर भगाने वाले दवाओं का उपयोग करना, घर के अंदर एवं आस-पास पानी न जमने देना तथा जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल एवं कीटनाशक दवा का छिड़काव करना शामिल है. बैठक में ओ.पी.डी. की समीक्षा में पाया गया कि सी.एच.सी. साहेबगंज 61 प्रतिशत, मुशहरी 66 प्रतिशत, मुरौल 66 प्रतिशत प्रदर्शन रहा जबकि सी.एच.सी. बंदरा, पीएचसी मुरौल का प्रदर्शन 100 प्रतिशत रहा. पैथेलाॅजी एवं रेडियोलाॅजी की स्थिति में सी.एच.सी. बन्दरा 02 प्रतिशत, औराई 25 प्रतिशत, गायघाट 42 प्रतिशत, कांटी 53 प्रतिशत, जबकि सदर अस्पताल 137 प्रतिशत, रेफरल अस्पताल सकरा 118 प्रतिशत, सामुदायिक केन्द्र सरैया 117 प्रतिशत, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मुरौल 113 प्रतिशत रहा. खराब प्रदर्शन करने वाले अस्पतालों का सिविल सर्जन को साप्ताहिक विजिट करने, समीक्षा करने एवं प्रगति लाने का निर्देश दिया गया. बैठक में सिविल सर्जन डाॅ अजय कुमार, एसीएमओ डाॅ सतीश कुमार, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, सभी स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सहित कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
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