हमने ”पुलिस अंकल” से अच्छा संभाला ट्रैफिक

राह हुई आसान. मूकदर्शक बनी रही पुलिस, बच्चों की निगरानी में सड़क पर दौड़ती रहीं गाड़ियां मुजफ्फरपुर : सोमवार को आमतौर पर तो लोगों को जाम की किचकिच से जूझना पड़ता है, लेकिन अबकी बार शहर की सड़काें पर फर्राटा भरते हुए गाड़ियां दौड़ रही थी. किसी चौक-चौराहे पर जाम नहीं दिखा. लोग बड़े ही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2016 8:44 AM
राह हुई आसान. मूकदर्शक बनी रही पुलिस, बच्चों की निगरानी में सड़क पर दौड़ती रहीं गाड़ियां
मुजफ्फरपुर : सोमवार को आमतौर पर तो लोगों को जाम की किचकिच से जूझना पड़ता है, लेकिन अबकी बार शहर की सड़काें पर फर्राटा भरते हुए गाड़ियां दौड़ रही थी. किसी चौक-चौराहे पर जाम नहीं दिखा.
लोग बड़े ही आराम से एक से दूसरी जगह निजी व सवारी छोटी-बड़ी गाड़ियों के साथ अपने बाइक से सफर तय करते दिखे. लोगों को यह सुविधा रोज की तरह सड़कों पर तैनात पुलिस वालों की वजह से नहीं सड़क सुरक्षा सप्ताह के मद्देनजर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए लगाये गये स्कूली बच्चों (स्काउट) के कारण मिली है. सरैयागंज टाॅवर से लेकर जूरन छपरा महेश बाबू चौक के बीच दो दर्जन स्कूलों के बच्चों की ड्यूटी लगी थी. इसमें शहर के विद्या विहार, नथुनी भगत हाइ स्कूल, एलएनटी हाइ स्कूल समेत तमाम स्कूल के बच्चे शामिल थे. इन लोगों की ड्यूटी तो सुबह दस से दोपहर एक बजे तक ही थी, लेकिन बच्चों की तीन घंटे की मेहनत ने पूरे दिन शहर को जाम की समस्या से निजात दिला दिया.
बच्चों से सीख लें पुलिसवाले!
सरैयागंज टावर पर पुलिस वाले की तैनाती के बाद भी ऑटो चालकों की मनमानी जारी रहती है. टावर से लेकर सिकंदरपुर रोड के मोड़ तक पांच-छह ऑटो हमेशा रुकी रहती है, लेकिन सोमवार को जब तक स्कूली बच्चे ड्यूटी में लगे रहे. तब तक एक भी ऑटो को नहीं रुकने दिया.
इसका नतीजा हुआ कि हमेशा जाम से रेंगने वाला ट्रैफिक पूरी तरह से क्लियर रहा. ऑफिस आने-जाने वाले लोगों ने जब यह नजारा देखा, तब कई लोगों ने गाड़ी को रोक बच्चे को शाबाशी देना नहीं चूके, लेकिन साथ-साथ तैनात ट्रैफिक पुलिस को भी लोगों ने यह कहने से पीछे नहीं हटें कि आपलोग इन बच्चों से सीख लीजिए. कैसे होता है ट्रैफिक कंट्रोल?

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