पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक पिछले तीन साल में लगातार बड़े अपराध कम हुए है़ं वर्ष 2013 के रिकॉर्ड की तुलना में 2014 व 2015 में बड़ी घटनाएं कम हुई हैं, जबकि विभागीय कार्रवाई का ग्राफ बढ़ा है़ रंगदारी, डकैती के मामले में दो साल में ही आधे हो गए, तो उग्रवाद के मामलों में भी रोक लग गयी है़ इसके साथ ही हत्या, लूट, बलात्कार, चोरी, अपहरण, दहेज हत्या व अनुसूचित जाति जनजाति के मामलों में पुलिसिंग के कारण काफी कमी आयी है़.
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पूर्व की अपेक्षा अापराधिक घटनाओं में आयी कमी
मुजफ्फरपुर: एक ओर जहां पूरे राज्य में अापराधिक घटनाओं को लेकर जंगलराज-2 के वापसी के की बात कहीं जा रही है, वहीं दूसरी ओर मुजफ्फरपुर में अपेक्षाकृत आपराधिक घटनाओं में कमी का दावा किया जा रहा है. पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक पिछले तीन साल में लगातार बड़े अपराध कम हुए है़ं वर्ष 2013 के रिकॉर्ड […]
मुजफ्फरपुर: एक ओर जहां पूरे राज्य में अापराधिक घटनाओं को लेकर जंगलराज-2 के वापसी के की बात कहीं जा रही है, वहीं दूसरी ओर मुजफ्फरपुर में अपेक्षाकृत आपराधिक घटनाओं में कमी का दावा किया जा रहा है.
चार्ज लेते ही दिखायी थी हनक
वरीय पुलिस अधीक्षक रंजीत कुमार मिश्रा ने पहली बार 27 मार्च 2014 को जिले का चार्ज लिया था़ वह कार्यकाल करीब दो महीने का रहा, लेकिन उन्होंने चार्ज लेते ही जो हनक दिखायी उसका फायदा पुलिस को मिला़ हालांकि, 29 मई 2014 को उनका तबादला हो गया़ इस बीच चुस्त-दुरुस्त पुलिसिंग का असर रहा, तभी 7 अक्तूबर 2014 को सरकार ने दुबारा पोस्टिंग कर दी़ इसके बाद से लगातार अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाकर उन्होंने ने शिकंजा कसे रखा़ यही वजह रही कि वर्ष 2013 की तुलना में वर्ष 2014 व 2015 में अपराध का ग्राफ काफी कम रहा़
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