जांच रिपोर्ट में इसकी भी चर्चा की गयी है कि अगर मुकेश पाठक की दंबगता इतनी बढ़ी हुई थी तो शिवहर मंडल कारा के अधीक्षक ने इसकी जानकारी जेल आइजी को क्यों नहीं दी? महिला वार्ड में जाने पर उसे क्यों नहीं रोका जाता था? ऐसे कई सवाल हैं, जो जांच रिपोर्ट में दर्शाया गया है.
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मुकेश पूजा से मिलने कभी भी चला जाता था महिला वार्ड में
मुजफ्फरपुर: पूजा पाठक से मिलने कभी भी मुकेश पाठक महिला वार्ड में चला जाता था. मुकेश पाठक को रोकने की हिम्मत किसी कक्ष पाल में नहीं होती थी. जेल सूत्रों की माने तो कई बार घंटों मुकेश महिला वार्ड में पूजा के साथ रहा करता था. इस दौरान महिला वार्ड की महिला बंदी वार्ड के […]
मुजफ्फरपुर: पूजा पाठक से मिलने कभी भी मुकेश पाठक महिला वार्ड में चला जाता था. मुकेश पाठक को रोकने की हिम्मत किसी कक्ष पाल में नहीं होती थी. जेल सूत्रों की माने तो कई बार घंटों मुकेश महिला वार्ड में पूजा के साथ रहा करता था. इस दौरान महिला वार्ड की महिला बंदी वार्ड के बाहर ही रहती थी. महिला बंदी भी मुकेश पाठक को डर से कुछ नहीं कहती. मुकेश पाठक का खौफ शिवहर मंडल कारा में इतना था कि किसी भी कक्षपाल की हिम्मत नहीं होती थी कि उसे कुछ कह दे. सूत्रों की माने तो जांच के दौरान भी यह बात सामने आयी है.
जांच रिपोर्ट में इसकी भी चर्चा की गयी है कि अगर मुकेश पाठक की दंबगता इतनी बढ़ी हुई थी तो शिवहर मंडल कारा के अधीक्षक ने इसकी जानकारी जेल आइजी को क्यों नहीं दी? महिला वार्ड में जाने पर उसे क्यों नहीं रोका जाता था? ऐसे कई सवाल हैं, जो जांच रिपोर्ट में दर्शाया गया है.
स्पष्टीकरण के बाद निलंबित होंगे शिवहर जेल अधीक्षक
पूजा पाठक के गर्भवती मामले में फंसे शिवहर मंडड कारा के प्रभारी जेल अधीक्षक वरीय उप समाहर्ता मो इबगतुल्ला, जेलर राजेश कुमार, क्लर्क इंद्रसेन यशपाल, कक्षपाल संजीव कुमार, राजेश कुमार व महेंद्र रविदास से स्पष्टीकरण के बाद निलंबन की प्रक्रिया शुरू की जायेगी.
शुक्रवार की शाम चार बजे तक सभी को स्पष्टीकरण का जवाब जेल आइजी को देना है. सूत्रों की माने तो स्पष्टीकरण सौंपे जाने के 24 घंटे के अंदर सभी को निलंबित कर दी जायेगी. इसके बाद विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी जायेगी. रिपोर्ट में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि दोनों को एकांतवास उपलब्ध कराये जाने में इन सभी की संलिप्ता थी.
शादी के बाद से ही खेल शुरू
अक्तूबर 2013 में शादी होने के बाद से ही एकांतवास का उपलब्घ कराने का खेल शुरू हो गया था. इसके लिए मंडल कारा में कई नेताओं के फोन भी जेल में आने लगे थे. वर्ष 2014 में दोनों को मंडलकारा में पहली बार एकांत उपलब्ध कराया गया. इसके बाद से दोनों की मुलाकात होने लगी. इसी दौरान मुकेश पाठक 20 जुलाई 2015 को पुलिस को चकमा देकर सदर अस्पताल शिवहर से फरार हो गया था.
मुकेश पाठक के फरार होने के बाद पूजा पाठक को शहीद
खुदीराम बोस केंद्रीय कारा स्थानांतरण कर दिया गया. स्थानांतरण होने के बाद पूजा को की तबीयत बिगड़ने लगी. इसके बाद उसका इलाज कराया गया, जिसमें 18 जून 2015 को उसे गर्भवती बतायी गयी.
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