एक जगह बनायी दो टंकी, दोनों से पानी नहीं

मुजफ्फरपुर: लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के इंजीनियरों ने एक ही जगह पर पहले बिजली की मोटर लगा कर पानी टंकी बनायी और फिर दस साल बाद वहीं पर सोलर पंप लगा दिया, दोनों की लागत लाखों में आयी, लेकिन रोचक चीज ये है कि दोनों ही योजनाओं से लोगों को पानी नहीं मिला, जबकि इसमें […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2016 1:56 AM
मुजफ्फरपुर: लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के इंजीनियरों ने एक ही जगह पर पहले बिजली की मोटर लगा कर पानी टंकी बनायी और फिर दस साल बाद वहीं पर सोलर पंप लगा दिया, दोनों की लागत लाखों में आयी, लेकिन रोचक चीज ये है कि दोनों ही योजनाओं से लोगों को पानी नहीं मिला, जबकि इसमें सरकारी खजाने से रुपये निकाल कर पानी की तरह खर्च किये गये. ये मामला मीनापुर के तुर्की पश्चिमी पंचायत का है, जहां ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत ये काम करवाये गये. इसको लेकर महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट में आपत्ति जतायी गयी है.
सोलर पंप लगाने में 78.09 लाख रुपये खर्च किये गये. बताया जाता है कि इस काम के लिए पहले प्राक्कलन करके मौके का सव्रे कराया जाता है. इसके बाद काम की दिशा में कदम आगे बढ़ता है, लेकिन इस मामले में बिना सव्रे कराये ही प्राक्कलन तैयार किया गया, जिससे ठेकेदारों को फायदा होने की बात सामने आ रही है. ऑडिट टीम ने जब पीएचइडी में रखे कागजातों को खंगाला, तो अभियंताओं की यह कारगुजारी सामने आयी. नया काम वर्ष 2012 में कराया गया था. इस पर विभाग ने 79.09 लाख रु पये खर्च किये थे.
रिपोर्ट में कहा गया है कि सब डिविजन ने 20 सितंबर 2012 को जो नक्शा सुधार कर लोक स्वास्थ्य प्रमंडल को पेश किया था, वह भी जांच के दौरान टीम को मई 2014 में नहीं मिला. महालेखाकार ने साफ कहा है कि अगर कार्य प्रमंडल के इंजीनियरों ने इस्टीमेट तैयार करने से पूर्व स्थल का सर्वे किया होता, तो तमाम जानकारी उसी समय मिल जाती, लेकिन ऐसा नहीं किया गया.

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