आसन प्राणायाम तक सीमित नहीं विहंगम योग
आसन प्राणायाम तक सीमित नहीं विहंगम योगवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरसद्गुरु सदाफल देव विहंगम योग संस्स्थान की ओर से रविवार को सरैयागंज स्थित जालान आयुर्वेदिक अस्पताल परिसर में मन का आसन सिखाया गया. इस मौके पर योग प्रशिक्षक कार्तिक कुमार ने कहा कि एकाग्रता व स्मरण शक्ति वृद्धि के लिए विहंगम योग रामबाण अभ्यास है. मुशहरी योग […]
आसन प्राणायाम तक सीमित नहीं विहंगम योगवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरसद्गुरु सदाफल देव विहंगम योग संस्स्थान की ओर से रविवार को सरैयागंज स्थित जालान आयुर्वेदिक अस्पताल परिसर में मन का आसन सिखाया गया. इस मौके पर योग प्रशिक्षक कार्तिक कुमार ने कहा कि एकाग्रता व स्मरण शक्ति वृद्धि के लिए विहंगम योग रामबाण अभ्यास है. मुशहरी योग प्रशिक्षक कन्हैया कुमार ने कहा कि योग विद्या सिर्फ आसन प्राणायाम तक सीमित नहीं है. योग की संपूर्णता का नाम विहंगम योग है. इसे योग के संविधान स्वर्वेद के माध्यम से जाना जा सकता है. उन्होंने कहा कि हेल्प लाइन नंबर 9470053801 पर मिस्ड कॉल कर आप योग सीख सकते हैं. योग समारोह के द्वितीय सत्र का शुभारंभ राम गोपाल ओझा ने दीप जला कर किया. इस मौके पर वक्ताओं ने अनाथों की सेवा, स्वस्थ भारत का निर्माण, नशा मुक्ति अभियान सहित अन्य कार्यों की सराहना की. इस मौके पर घनश्याम कुमार, सुभाष कुमार, संतोष कुमार, गौरव, चंदन सहित अन्य लोग उपस्थित थे. कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन कार्तिक कुमार ने किया.