प्रायोगिक व सैद्धांतिक शक्षिा देकर सुधारें सस्टिम

प्रायोगिक व सैद्धांतिक शिक्षा देकर सुधारें सिस्टम-युवा संसद में साइंस फॉर सोसाइटी के क्षेत्रीय समन्वयक ने कहा -कार्यशाला के दूसरे दिन मुजफ्फरपुर की समस्याओं पर भी चर्चा फोटो::: संवाददाता, मुजफ्फरपुर साइंस फॉर सोसाइटी के क्षेत्रीय समन्वयक डॉ फूलगेन पूर्वे ने कहा कि विश्वविद्यालय में सैद्धांतिक व प्रायोगिक दोनों शिक्षा देकर ही शिक्षा पद्धति को ठीक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 17, 2016 11:27 PM

प्रायोगिक व सैद्धांतिक शिक्षा देकर सुधारें सिस्टम-युवा संसद में साइंस फॉर सोसाइटी के क्षेत्रीय समन्वयक ने कहा -कार्यशाला के दूसरे दिन मुजफ्फरपुर की समस्याओं पर भी चर्चा फोटो::: संवाददाता, मुजफ्फरपुर साइंस फॉर सोसाइटी के क्षेत्रीय समन्वयक डॉ फूलगेन पूर्वे ने कहा कि विश्वविद्यालय में सैद्धांतिक व प्रायोगिक दोनों शिक्षा देकर ही शिक्षा पद्धति को ठीक किया जा सकता है. यह शिक्षा ही है, जिसके कारण युवा संसद का आयोजन हो रहा है. डाॅ पूर्वे बिलीव योरसेल्फ बिहार चैप्टर की ओर से डीएन हाइस्कूल में आयोजित मुजफ्फरपुर युवा संसद के दूसरे व अंतिम दिन बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे. इससे पहले कार्यशाला का उद्घाटन बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के जूलॉजी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ विजय कुमार जायसवाल ने किया. उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर की समस्याओं को सुलझाने के लिए सरकार को गंभीर होना चाहिए. युवाओं को भी देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी. युवाओं की आज जितनी भी समस्याएं है, उसका सबसे बड़ा कारण सरकार व युवा के बीच समन्वय न होना ही है. डॉ नूर आलम खान ने कहा कि युवाओं को उद्यमी बनकर देश के विकास में अपना योगदान देना चाहिए. बुशू टीम के कोच रहे दिनेश मिश्र ने कहा कि युवा दृढ़ इच्छा पैदा कर लें तो अपनी समस्याओं का समाधान खुद कर सकते हैं. संस्था के अध्यक्ष आदित्य कुमार ने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में खिचड़ी नहीं टैबलेट, कंप्यूटर, स्मार्ट क्लास व ट्रेंड शिक्षकों की जरूरत है. विश्वविद्यालय की दोषपूर्ण शिक्षानीति के कारण युवा बेरोजगारों की कतार में खड़े हो रहे हैं. युवाओं को सरकारी योजनाओं की जानकारी नहीं है, जिससे उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा है. संस्था के राज्य समन्वयक विनय मिश्र ने बताया कि तिरहुत व दरभंगा में युवा संसद में भी यहां के युवा हिस्सा लेंगे. सचिव राकेश कुमार ने आयोजन का उद्देश्य बताया. संचालन सुकांत ने किया. युवाओं ने भी पूछे सवाल कार्यशाला में संसद की गतिविधि संचालित की गयी, जिसमें युवाओं ने भी सवाल पूछकर अपनी जिज्ञासा शांत की. प्रिया कुमारी ने शिक्षा में व्यापक सुधार की मांग की. सरकार से पूछा कि आखिर कब तक हम पुरानी शिक्षा नीति को ढोते रहेंगे? आकाश भारद्वाज का सवाल था कि सरकार आखिर शिक्षा अधिकारियों की जवाबदेही क्यों नहीं तय करती? सुझाव दिया कि मेक इन इंडिया व स्मार्ट सिटी के सपने न दिखाएं, बल्कि उसे धरातल पर उतारें. इसके लिए भारत सरकार क्या कर रही है. अंत में अध्यक्ष सन्नी कुमार व अध्यक्ष काजल समेत सभी समितियों के अध्यक्ष व अध्यक्षा को सम्मानित किया गया. रंजीत व विद्या को सर्वश्रेष्ठ युवा सांसद का पुरस्कार दिया गया.

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