डीएसडब्ल्यू पद से हटाये गये डॉ बीके सिंह

मुजफ्फरपुर. बीआरए बिहार विवि के अध्यक्ष छात्र कल्याण (डीएसडब्ल्यू) के पद से डॉ बीरेंद्र कुमार सिंह को हटा दिया गया है. उनकी जगह कुलानुशासक (प्राक्टर) डॉ सतीश कुमार राय को इसका प्रभार दिया गया है. डॉ सिंह पर कई गंभीर आरोप हैं, जिसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. इसमें […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 21, 2016 9:52 AM
मुजफ्फरपुर. बीआरए बिहार विवि के अध्यक्ष छात्र कल्याण (डीएसडब्ल्यू) के पद से डॉ बीरेंद्र कुमार सिंह को हटा दिया गया है. उनकी जगह कुलानुशासक (प्राक्टर) डॉ सतीश कुमार राय को इसका प्रभार दिया गया है. डॉ सिंह पर कई गंभीर आरोप हैं, जिसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. इसमें विवि रसायन विभाग के अध्यक्ष डॉ बीएन झा, राजनीति विज्ञान के अध्यक्ष डॉ विजयेंद्र नारायाण सिंह व जंतु विज्ञान के अध्यक्ष डॉ श्रीनारायण प्रसाद ंिसह शामिल हैं. बुधवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी गयी है.
डॉ बीरेंद्र कुमार सिंह नवंबर 2014 में अध्यक्ष छात्र कल्याण बनाये गये थे. उनका कार्यकाल दो सालों का था. चर्चा है कि उनके
खिलाफ राजभवन से शिकायत की गयी थी. सबूत के तौर पर ऑडियो व वीडियो क्लीपिंग भी भेजी गयी थी. उन्हीं सबूतों के आधार पर राजभवन ने उन्हें पद से हटाने और जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है. इस संबंध में मंगलवार की देर रात ही फैक्स आ चुका था. विवि प्रशासन ने भी इसकी पुष्टि की है. हालांकि उन पर क्या आरोप है, इस बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया. बुधवार को कुलपति डॉ पंडित पलांडे ने सभी उच्च अधिकारियों के साथ इस मसले पर बातचीत की. करीब एक घंटा तक चली वार्ता के बाद डॉ सिंह को पद से हटाते हुए कुलानुशासक को प्रभार देने का फैसला लिया गया.
राजभवन के आदेश पर डॉ बीके सिंह को डीएसडब्ल्यू के पद से हटाया गया है. उन पर कई गंभीर आरोप हैं. फिलहाल वह बंद लिफाफे में हैं. उसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनायी गयी है. कमेटी ही उस लिफाफे को खोलेगी.
– डॉ सतीश कुमार राय, कुलानुशासक
किसने भेजा डीएसडब्ल्यू का टेप?
डीएसडब्ल्यू पद से डॉ बीके सिंह को हटाये जाने की खबर जैसे ही यूनिवर्सिटी पहुंची, वैसे ही कयासों का सिलसिला शुरू हो गया. विवि अधिकारियों के बीच इस बात की चर्चा हो रही थी कि आखिर किसने डॉ सिंह की आवाज का टेप राजभवन को भेजा? इस बात की भी चर्चा थी कि ये टेप यूनिवर्सिटी में चल रही गुटबाजी का भी नतीजा हो सकता है. क्योंकि यूनिवर्सिटी में अधिकारी कई खेमों में बटे हुये हैं. इन्हीं में से किसी खेमे में ये टेप राजभवन को भेजवाया होगा?

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