बीआरएबीयू: वेतन मद में 1.58 करोड़ अधिक भुगतान

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में अनुकंपा पर बहाल कर्मचारियों को मनमाने ढ़ंग से अधिक वेतन भुगतान का मामला सामने आया है. इससे विवि को विगत पांच सालों में 1.58 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. इसका खुलासा वेतन निर्धारण संचिका की जांच के दौरान हुआ है. एजी की ऑडिट टीम ने इस पर आपत्ति जताते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 28, 2016 9:41 AM
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में अनुकंपा पर बहाल कर्मचारियों को मनमाने ढ़ंग से अधिक वेतन भुगतान का मामला सामने आया है. इससे विवि को विगत पांच सालों में 1.58 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है.

इसका खुलासा वेतन निर्धारण संचिका की जांच के दौरान हुआ है. एजी की ऑडिट टीम ने इस पर आपत्ति जताते हुए कुलसचिव से मामले की जांच का निर्देश दिया है. वैसे वेतन में ‘खेल’ का आंकड़ा इससे भी ज्यादा हो सकता है. कारण एजी की टीम ने अपनी रिपोर्ट में एक अप्रैल 2007 से 31 अक्तूबर 2015 तक के वेतन भुगतान के आंकड़ों का ही जिक्र किया है. टीम की आपत्ति के बाद लेखा विभाग ने 30 कर्मचारियों की सूची व उन्हें हुए भुगतान से संबंधित संचिका कुलपति डॉ पंडित पलांडे को कार्रवाई के लिए भेज दी है.

विवि के पीजी विभागों व अन्य कॉलेजों में अनुकंपा पर 30 कर्मचारियों की बहाली हुई थी. इनकी नियुक्ति वर्ष 2000 के बाद हुई है. राज्यपाल सचिवालय से निर्गत परिनियम के अनुसार दिनांक 20 दिसंबर 2000 के बाद नियुक्त कर्मियों को 3050 से 4590 रुपये तक का वेतनमान देय है.

एजी टीम ने जब विवि प्रशासन से इन कर्मियों की नियुक्ति से संबंधित संचिका व सेवा पुस्तिका की मांग की तो वह उपलब्ध नहीं कराया गया है. राजकीय संकल्प 2693 (दिनांक 27 अगस्त 2010) के अनुसार यदि अनुकंपा पर बहाल कर्मचारी की नियुक्ति यदि स्वीकृत व अनुमानय वेतनमान के विरुद्ध नहीं हुई है तो उन्हें किसी स्वीकृत पद के विरुद्ध सामंजित करते हुए न्यूनतम अपुनरीक्षित वेतनमान 3050 से 4590 का लाभ मिलेगा. लेकिन इन कर्मियों को छठे वेतनमान में 3050 से 4590 रुपये की जगह 4000 से 6000 रुपये तक के वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है.

Next Article

Exit mobile version