गीत प्यार के शेष अभी कुछ इसलिए तो जिंदा हूं

मुजफ्फरपुर .: डॉ शिवदास पांडेय प्रेम की उदात्तता के कवि हैं. इनकी सृजन यात्रा अविराम यात्रा है. इनके उपन्यासों में व्यंग्य रचनाओं व समकालीन कविताओं में हर जगह एक अलग तरह की कल्पना व यथार्थ की भूमि सहज रूप में दिखती है, जो निरंतर साधना का प्रतिफल है. आज भी इसी तरह उनकी साधना निरंतर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 9, 2016 9:31 AM
मुजफ्फरपुर .: डॉ शिवदास पांडेय प्रेम की उदात्तता के कवि हैं. इनकी सृजन यात्रा अविराम यात्रा है. इनके उपन्यासों में व्यंग्य रचनाओं व समकालीन कविताओं में हर जगह एक अलग तरह की कल्पना व यथार्थ की भूमि सहज रूप में दिखती है, जो निरंतर साधना का प्रतिफल है. आज भी इसी तरह उनकी साधना निरंतर जारी है.
उक्त बातें डॉ महेंद्र मधुकर ने कहीं. वे सोमवार को कविवर डॉ शिवदास पांडेय के 81वें जन्म दिवस पर क्लब रोड में आयोजित अमृत पर्व पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे. उन्होंने कविवर को शतायु होने की कामना की. इससे पूर्व लोकगायक प्रेमर रंजन व उनकी टीम ने डॉ शिवदास पांडेय के गीत नई रे बलथिया मोजर लागल, चांद चाल ई तोहर बुझाइत नइखे सुना कर श्रोताओं की खूब तालियां बटोरी. लोक गायिका डॉ पुष्पा प्रसाद ने भी सोहर गाकर लोगों का मन मोह लिया. विषय प्रवेश कराते हुए डॉ संजय पंकज ने कहा कि डॉ शिवदास पांडेय के गीत सहज संवेद्य है. कवि आस्थावान व आस्तिक हैं, तभी तो गीतों में प्राण चेतना के बीच आत्मा का अमृत आलाक फैलता है.

उद्घाटन संबोधन में डॉ अवधेश्वर अरुण ने कहा कि कविवर डॉ शिवदास पांडेय की रचना यात्रा कविता से शुरू हुई लेकिन बाद में गीत-कविता के साथ उपन्यास के क्षेत्र में जो काम किया, वह अद्भुत है. डॉ रामप्रवेश ने कहा कि कविवर एक चिंतक के रूप में जितना उदार हैं, द्रष्टा के रूप में उतने ही एकाग्र. लोगों के अनुरोध पर डॉ शिवदास पांडेय ने गीत प्यार के शेष अभी कुछ इसलिए तो जिंदा हूं सहित कई गीत सुनाये. इस मौके पर डॉ वीरेंद्र किशोर, डॉ बीबी ठाकुर, डॉ जेपी सिंह, डॉ हरि किशोर प्रसाद सिंह, डॉ ममता रानी, कृष्ष्ण मेाहन प्रसाद मोहन, पूर्व विधायक केदारनाथ प्रसाद, डॉ नलिनी रंजन सिंह, डॉ राम प्रताप नीरज, एचएल गुप्ता, आचार्य चंद्र किशोर पराशर, संतोष गुप्ता ने शुभकामना व्यक्त की व उनके शतायु होने की कामना की.

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