पर्यावरण के मानक पर 248 में 17 ईंट भट्ठे उतरे खरे, बंद होंगे 231 ईंट भट्ठे!
मुजफ्फरपुर: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सख्ती के बाद जिले के दो सौ से अधिक ईंट भट्ठा पर बंद होने का खतरा मंडराने लगा है. गुरुवार को जिला खनन विकास अधिकारी मुकेश अंबष्ट ने सभी अंचलाधिकारी व सभी थानाध्यक्षों को पत्र लिख कर बिना मानक के चल रहे ईंट भट्ठे को तत्काल बंद करने का निर्देश […]
मुजफ्फरपुर: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सख्ती के बाद जिले के दो सौ से अधिक ईंट भट्ठा पर बंद होने का खतरा मंडराने लगा है. गुरुवार को जिला खनन विकास अधिकारी मुकेश अंबष्ट ने सभी अंचलाधिकारी व सभी थानाध्यक्षों को पत्र लिख कर बिना मानक के चल रहे ईंट भट्ठे को तत्काल बंद करने का निर्देश दिया है. अंचालधिकारी व थानाध्यक्ष इस माह के अंत तक अपने कार्यक्षेत्र में पड़ने वाले सभी ईंट भट्ठों का सर्वे करेंगे. सर्वे में मानक के बिना भट्ठे के संचालन की पुष्टि होने पर संबंधित संचालक पर खनन विभाग प्राथमिकी भी दर्ज करायेगा.
सत्र 2014-15 के आंकड़ों के अनुसार जिले में फिलहाल 248 ईंट भट्ठे हैं. इनमें से महज 17 ईंट भट्ठों के संचालकों ने ही सत्र 2015-16 के लिए रॉयल्टी की राशि जमा करायी है. दरअसल, खनन विभाग ने इस बार रॉयल्टी की राशि के साथ सभी ईंट भट्ठा संचालकों को पर्यावरण व प्रदूषण का सर्टिफिकेट जमा कराना अनिवार्य कर दिया है.
पहले यह अनिवार्य नहीं था. विभाग का मानना है कि जिन 231 ईंट भट्ठों की रॉयल्टी की राशि जमा नहीं करायी गयी है, उनके पास यह प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने बिहार को पर्यावरण के मामले में बने कानून (ट्रिब्यूनल एक्ट 2010 की धारा 14) के उल्लंघन का दोषी मानते हुए राज्य सरकार को सभी नदियों व खनन क्षेत्र में बालू के खनन और उसकी ढुलाई पर रोक लगाने काे कहा है. ईंट भट्ठों के लिए जो मिट्टी की खुदाई की जाती है, वह इसी श्रेणी में आता है. विभाग को ट्रिब्यूनल के कोलकाता पीठ में अमन कुमार बनाम बिहार सरकार मामले में हो रही सुनवाई की अगली तारीख को एक्शन टेकेन रिपोर्ट उपलब्ध कराना है.
पहली बार सर्वे करेंगे पुलिस अधिकारी
ईंट भट्ठे तय मानक के अनुरूप हैं या नहीं, इसकी जांच करने की जिम्मेदारी पहले सिर्फ खनन विभाग की थी. लेकिन राज्य सरकार के निर्देश पर इस बार यह जिम्मेदारी अनुमंडल पदाधिकारी, अंचालाधिकारी व पुलिस के आला अधिकारी भी निभायेंगे. दरअसल, बिहार सरकार ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के फैसले को चुनौती दी है. इसकी अगली सुनवाई 19 फरवरी निर्धारित है. ऐसे में सरकार की मंशा सुनवाई की तारीख से पूर्व नियम विरुद्ध चल रहे ईंट भट्ठों के खिलाफ कार्रवाई कर उसकी रिपोर्ट ट्रिब्यूनल के समक्ष रखने की है.
रॉयल्टी जमा करने का यह है नियम
खनन विभाग के अनुसार ईंट सत्र 2015-16 का आगाज अक्तूबर माह में हुआ. कच्चे ईंट की पथाई एवं इन्हें पकाने का कार्य नवंबर माह में शुरू हुआ. नियमों के तहत ईंट भट्ठा संचालकों को रॉयल्टी की राशि सत्र शुरू हाेने से पूर्व एडवांस में जमा करना होता है. 25 लाख क्षमता वाले ईंट भट्ठा को एक सत्र के लिए एक मुश्त 74,500 रुपये रॉयल्टी लगता है. समय पर रॉयल्टी नहीं जमा करने की स्थिति में ईंट भट्ठा संचालकों से ईंट पथाई की तिथि से 24 प्रतिशत प्रतिमाह की दर से जुर्माना वसूला जाता है. सत्र 2014-15 में रॉयल्टी नहीं जमा करने के कारण 54 ईंट भट्ठा संचालकों के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में मामला भी दर्ज कराया गया था.