माओवादी कमांडर भास्कर को भेजा गया जेल, महुआ में बनवाया था फरजी पहचान पत्र

मुजफ्फरपुर: समस्तीपुर के काशीपुर मुहल्ले में सीता सिंह गली से गिरफ्तार माओवादी कमंाडर लालबाबू सहनी उर्फ भास्कर ने फरजी पहचान पत्र बना रखा था, जो वैशाली के महुआ से जारी हुआ था. इसी पर वह एक साल से यहां रह रहा था. पहचान पत्र में उसने अपना नाम अजय लिखवाया था. बना हुआ था डॉक्टर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2016 8:21 AM
मुजफ्फरपुर: समस्तीपुर के काशीपुर मुहल्ले में सीता सिंह गली से गिरफ्तार माओवादी कमंाडर लालबाबू सहनी उर्फ भास्कर ने फरजी पहचान पत्र बना रखा था, जो वैशाली के महुआ से जारी हुआ था. इसी पर वह एक साल से यहां रह रहा था. पहचान पत्र में उसने अपना नाम अजय लिखवाया था.
बना हुआ था डॉक्टर ?. भास्कर संगठन के काम से समस्तीपुर से महुआ व अन्य जगहों पर मेडिकल प्रैक्टिशनर अजय नाम से ही जाना जा रहा था. कुछ दिन पूर्व महुआ के संजीत कुमार नामक एक व्यक्ति के साथ पुलिस ने अदलपुर में वाहन चेकिंग के दौरान भास्कर की बाइक पकड़ी थी. बाइक की डिक्की से आला बरामद हुआ था. संजीत कुमार के साथ गांवों में मेडिकल प्रैक्टिस करता महुआ से बना है और मुजफ्फरपुर के रामदयालु सिंह कॉलेज में फिशरीज की पढ़ाई करता है.
वासुदेव देता था सिम
मसौढ़ी स्टेशन के पास रहनेवाले वासुदेव राय उर्फ नेताजी लालबाबू सहनी उर्फ भास्कर व संगठन के अन्य हार्डकोर नक्सलियों को मोबाइल का सिम उपलब्ध कराता था. भास्कर के पास से पुलिस ने 17 सिम बरामद किये हैं. इसे वासुदेव राय द्वारा ही उपलब्ध कराने की बात पुलिस पूछताछ में सामने आयी है. संगठन में शामिल नक्सलियों की न्यायालय में पैरवी करनेवाले वकील के नामों का भी खुलासा हो गया है. शिवहर के योगेंद्र साह, सहजादपुर पचनौल के मो आलम, मोतिहारी में अजय सिंह व विपिन कुमार, हाईकोर्ट में एडवोकेट सुनील प्रसाद सिंह को संगठन की ओर से नक्सलियों की न्यायालय में पैरवी के लिए रखा गया था.
महत्वपूर्ण ओहदे पर था भास्कर
भास्कर संगठन का महत्वपूर्ण ओहदा संभाल रहा था. उत्तर बिहार ही नहीं, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में भी संगठन ने भास्कर को महत्वपूर्ण जिम्मेवारी सौंपी थी. भास्कर को भाकपा माओवादी संगठन ने उत्तर बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के ट्रिपल यू स्पेशल कमेटी का सदस्य, उत्तर बिहार रीजनल कमेटी का सदस्य, उत्तर बिहार जोनल कमेटी का संगठन सचिव के पद की जिम्मेवारी सौंपी थी. भास्कर को मुजफ्फरपुर, वैशाली, छपरा, सीवान, गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी व शिवहर के भाकपा माओवादी संगठन का प्रभारी बनाया गया था.
भेजा गया जेल
भास्कर को जेल भेज दिया गया है. उसे मंगलवार को मुजफ्फरपुर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में पेश किया गया. जहां से उसे मुजफ्फरपुर केंद्रीय कारा भेजा गया. पुलिस ने उस पर 15 माह पूर्व मीनापुर के तुर्की बाजार में लेवी वसूली और प्रशासन के जनता दरबार के विरोध का आरोप लगाया है.
22 सहयोगियों के नामों का किया खुलासा
भास्कर ने पुलिस के समक्ष अपने 22 सहयोगियों के नामों का खुलासा किया है. इनमें विजय पासवान उर्फ वरुण जी, सुखारी महतो, कुर्मी मामा, वकील मियां, सुनील डॉक्टर, कृष्णनंदन राम, चंदन राम, लक्ष्मी दास उर्फ जंगली, दिनेश राम, रामप्रवेश बैठा, मुसाफिर पासवान, दिलीप कुमार, जयमंगल ठाकुर, लक्ष्मण मांझी, अभय कुमार, लालदेव उर्फ नकुल, मनोज उर्फ लालदेव, रत्नाकर, रोहित, दिवाकर व दीपक उरांव के नाम शामिल हैं.

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