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थाने में दर्ज प्राथमिकी नहीं पहुंचा कोर्ट

मुजफ्फरपुर: पुलिस थाने में दर्ज मामलों का निष्पादन कितनी सजगता से करती है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पुलिस थाने में लोगों द्बारा प्राथमिकी तो दर्ज की गयी. लेकिन डेली रिपोर्ट से वह प्राथमिकी गायब हो गयी. आलम यह हुआ कि उस मामले को थानाध्यक्ष चार्ट शीट तक दिखा दिये और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 21, 2016 8:50 AM
मुजफ्फरपुर: पुलिस थाने में दर्ज मामलों का निष्पादन कितनी सजगता से करती है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पुलिस थाने में लोगों द्बारा प्राथमिकी तो दर्ज की गयी. लेकिन डेली रिपोर्ट से वह प्राथमिकी गायब हो गयी.
आलम यह हुआ कि उस मामले को थानाध्यक्ष चार्ट शीट तक दिखा दिये और मामले को कोर्ट तक भेजे ही नहीं और निष्पादन दिखा दी. इसे थाना प्रभारियों की गलती कही जाए या जल्दबाजी में उठाया गया कदम, मगर ऐसी गलतियों से उन लोगों को जो थाने में मामले को दर्ज कराया और महीनों न्याय की आश में कोर्ट के चक्कर लगाते रहे. मामले दर्ज करने वाले कई लोग बिना अनुसंधान के आरोपित को सजा तक नहीं दिला पा रहे है.
बहुत सारे मामले में तो पुलिस ने प्राथमिकी तक दर्ज नहीं किया और कांडों का निष्पादन दिखा दिया. थानाध्यक्षों की इस तरह की खामियां जोनल आईजी पारस नाथ ने मामलों की समीक्षा में उजागर हुई हैं.
163 मामले जो डेली प्रतिवेदन से गायब हो गये. आइजी पारस नाथ ने जब लंबित मामलों की समीक्षा की तो उसमें ऐसे 163 मामले सामने आये. इन मामलों को थानाध्यक्षों ने दैनिक प्रतिवेदन में फाइनल दिखा दिया था. लेकिन इनमें से ऐसा एक भी मामला नहीं था, जिसे थानाध्यक्षों ने कोर्ट में भेजा था. आइजी ने ऐसे मामलों को थानाध्यक्षों को खोज कर उसे डेली रिपोर्ट में चढ़ाने और उसका अनुसंधान कर उसे कोर्ट में भेजने की बात कहीं है.

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