बिना बताए निकाला, निकाल रहे वैकेंसी
मुजफ्फरपुर. बीआरए बिहार विवि के अंतर्गत आने वाले चंद्रदेव नारायण कॉलेज के बीएड स्टॉफ में पूर्व में काम कर रहे लोगों ने कुलपति को पत्र देकर वर्तमान में हो रही नियुक्ति पर रोक लगाने की मांग की है. कर्मियों का कहना है कि कॉलेज ने बिना बताए ही 17 लोगों को बाहर कर दिया है. […]
बताया जाता है कि, चंद्रदेव नारायण महाविद्यालय में बीएड के छात्रों की सुविधा के लिए 2014 में 17 पदों की नियुक्ति की गई थी. इसमें तीसरे और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की नियुक्ति हुई थी. इन पदों में लाइब्रेरियन, एकाउंटेंट, कंप्यूटर असिस्टेंट, चपरासी, स्वीपर समेत 17 पद थे. पूर्व में काम कर रहे अविनाश कुमार, राजीव कुमार, नितेश कुमार, राकेश कुमार, रंजय कुमार, सिद्धार्थ रतन आदि का कहना हैं कि विवि सभी को नियुक्ति पत्र देकर हर महीने सैलरी भी दी जाने लगी, लेकिन एक साल काम कराने के बाद बिना किसी नोटिस के निकाल दिया गया. मामले को ले हाइकोर्ट में याचिका दायर की. वहीं कॉलेज ने पदों को लेकर अखबारों में विज्ञापन निकाल दिया. जबकि विवि ने अपना तर्क रखते हुए बताया कि 100 बीएड छात्रों के लिए 17 वैकेंसी गलत है. पूर्व में इसके लिए राज्य सरकार से 12 वैकेंसी के लिए पत्र भेजा गया था, लेकिन सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया.