वर्मी कंपोस्ट व बायो फर्टिलाइजर के नाम पर डकार गये करोड़ों
मुजफ्फरपुर: वर्मी कंपोस्ट व बायो फर्टिलाइजर उद्योग के नाम पर अनुदान की राशि में लूट मची है. नियम-कानून को ताक पर रख कर उद्योग धंधे लगाये गये है. वर्मी कंपोस्ट एवं बायो फर्टिलाइजर उद्योग के खिलाफ अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने पटना उच्च न्यायालय में एक लोकहित याचिका दायर की है. इसमें बिहार के मुख्य […]
मुजफ्फरपुर: वर्मी कंपोस्ट व बायो फर्टिलाइजर उद्योग के नाम पर अनुदान की राशि में लूट मची है. नियम-कानून को ताक पर रख कर उद्योग धंधे लगाये गये है. वर्मी कंपोस्ट एवं बायो फर्टिलाइजर उद्योग के खिलाफ अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने पटना उच्च न्यायालय में एक लोकहित याचिका दायर की है. इसमें बिहार के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव कृषि विभाग, उपनिदेशक, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव, प्रदूषण विभाग के अध्यक्ष को पार्टी बनाया है. सरकार ने वर्मी कंपोस्ट व बायो फर्टिलाइजर उद्योग लगाने को कहा था.
इस आलोक में बड़ी संख्या में उद्योग धंधे लगाये गये. उद्योग धंधे को लेकर 50 फीसदी अनुदान की घोषणा की गयी. अनुदान को लेकर सूबे में 250-300 उद्योग लग गये. अधिकांश उद्यमियों ने नियम को ताक पर रख कर लाखों रुपये अनुदान के माध्यम से उठा लिया. यहां तक कि प्रदूषण विभाग से लाइसेंस भी नहीं लिया गया.
याचिका में कहा गया कि उद्योग विभाग से इसकी अनुमति भी नहीं मिली है. इस तरह सरकार के करोड़ों रुपये डकार गये और किसान को खाद के बजाय मिट्टी एवं बालू मिल रहे है. इससे खेत की उर्वरक शक्ति खत्म हो रही है.