7 दिनों तक रहेगा बिजली संकट!

जिले में बिजली संकट चरम पर है. पिछले दिनों आयी आंधी-पानी के बाद बिजली व्यवस्था की पोल खुल गयी है. सुपर ग्रिड के संचरण लाइन में आयी खराबी दुरुस्त करने में विभाग के पसीने छूट रहे हैं. 100 घंटे बाद भी बिजली आपूर्ति कब तक सामान्य होगी यह बताने की स्थिति में नहीं है. हालांकि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:38 PM

जिले में बिजली संकट चरम पर है. पिछले दिनों आयी आंधी-पानी के बाद बिजली व्यवस्था की पोल खुल गयी है. सुपर ग्रिड के संचरण लाइन में आयी खराबी दुरुस्त करने में विभाग के पसीने छूट रहे हैं. 100 घंटे बाद भी बिजली आपूर्ति कब तक सामान्य होगी यह बताने की स्थिति में नहीं है.

हालांकि आपूर्ति के अभियंता यह मान रहे हैं कि आपूर्ति सामान्य होते-होते एक सप्ताह का समय लग सकता है, लेकिन आधिकारिक रूप से कोई भी अधिकारी कोई बयान नहीं दे रहा है. आलम यह है कि सात-आठ घंटों के रोटेशन पर मात्र आधे से एक घंटे के लिए बिजली दी जा रही है. शहर में बिजली-पानी के लिए त्रहिमाम की स्थिति है. लोग सड़कों पर उतर कर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.

मुजफ्फरपुर : तेज आंधी-पानी से बेपटरी हुई बिजली आपूर्ति को पटरी पर आने में अभी एक सप्ताह का समय लग सकता है. सूचना है कि गोरौल के निकट फकुली चौर में क्षतिग्रस्त 220 लाइन के टॉवर के निर्माण में चार दिन और लगेंगे. इस स्थिति में अगले सप्ताह से बिजली आपूर्ति सामान्य होने की संभावना है.

मुजफ्फरपुर थर्मल पावर से कफेन सुपर ग्रिड को जोड़ने वाली दो लाख 20 हजार केवीए लाइन का टावर नीचे से उखड़ कर गिर गया है. जब तक नया टावर नहीं बन जाता तब तक आपूर्ति सामान्य नहीं हो सकती है. तकनीकी जानकारों के अनुसार टावर बनाने में भी कम से कम चार-पांच दिन लग ही जायेंगे.

फिलहाल कामचलाऊ व्यवस्था के तहत बिहारशरीफ से जिले को बिजली आपूर्ति की जा रही है. अभी 110 के स्थान पर मात्र 20 मेगावाट बिजली ही जिले को मिल पा रही है. इसके कारण शहर से लेकर ग्रामीण इलाके में बिजली-पानी के लिए हाहाकार की स्थिति बनी है.

बिजली किल्लत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शहर के अधिकांश इलाकों को 24 घंटे में सिर्फ चार घंटे ही बिजली मिल रही है. वो भी सात-आठ घंटे के रोटेशन पर आधे घंटे बिजली मिल रही है. सबसे अधिक परेशानी खबरा, भगवानपुर व एसकेएमसीएच पावर स्टेशन से जुड़े इलाकों में है.

इन फीडरों से जुड़ी पांच लाख से अधिक आबादी बूंद-बूंद पानी के लिए तरसने को मजबूर है. भीषण गरमी में लोग पंखे की हवा के इंतजार में रतजगा कर रहे हैं. 50 मेगावाट क्षमता वाले एसकेएमसीएच ग्रिड को पांच मेगावाट बिजली मिलने से इससे जुड़े एमआइटी, सिकंदरपुर, बैरिया आदि इलाकों में भयंकर बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है.

यही हाल खबरा व भगवानपुर पावर स्टेशन के इलाकों का है. इस इलाके में सात से आठ घंटे के रोटेशन पर बिजली मिल रही है. इसके अलावा कई इलाके ऐसे भी हैं, जहां मुश्किल से एक घंटे भी बिजली नहीं मिल रही है.

सरकारी काम-काज भी प्रभावित : बिजली संकट का असर सरकारी कार्यालयों पर भी देखने को मिल रहा है. बिजली गुल रहने से कमिश्नरी व कलेक्ट्रेट के कर्मचारी को अंधेरे में काम करने में परेशानी हो रही थी. इस कारण शनिवार को सभी कार्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ था. कुछ कर्मचारी बिजली गुल होने का फायदा उठा कर दोपहर में ही चलते बने. यही हाल अन्य कार्यालय का भी था.

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