आठ माह में मिथिलेश ने की 17 रजिस्ट्री!
मुजफ्फरपुर: अशोक कहनानी के बेटे मिथिलेश कहनानी ने आठ माह में 17 जमीन की रजिस्ट्री की थी. आठ अगस्त 2014 से लेकर 11 मार्च 2015 के बीच ये सारी रजिस्ट्री की. इसमें 16 रजिस्ट्री पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर की गयी, जबकि एक रजिस्ट्री मिथिलेश ने खुद से की है. इसके लिए वो तीन […]
मुजफ्फरपुर: अशोक कहनानी के बेटे मिथिलेश कहनानी ने आठ माह में 17 जमीन की रजिस्ट्री की थी. आठ अगस्त 2014 से लेकर 11 मार्च 2015 के बीच ये सारी रजिस्ट्री की. इसमें 16 रजिस्ट्री पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर की गयी, जबकि एक रजिस्ट्री मिथिलेश ने खुद से की है. इसके लिए वो तीन बार शहर आये.
रजिस्ट्री के लिए वो निबंधन ऑफिस गये, जहां कैमरे से उनकी फोटो भी खीची गयी. साथ ही उन लोगों की फोटो भी खिची, जिन्होंने जमीन की रजिस्ट्री करायी. दस्तावेज में दर्ज तारीखों के मुताबिक मिथिलेश पहली बार 14 अगस्त 2014 को एक साथ
आठ लोगों के नाम रजिस्ट्री किया. रजिस्ट्री ऑफिस में मिथिलेश चार वकीलों लेकर पहुंचे थे. दूसरी बार 18 दिसंबर 2014 को भी अलग-अलग आठ रजिस्ट्री की. इसमें सात पावर ऑफ अटॉर्नी व एक खुद से रजिस्ट्री की है. अंतिम रजिस्ट्री 11 मार्च 2015 को खाता नंबर-154 व खेसरा नंबर-336 से 17.031 डिसमिल जमीन की है. यह वही जमीन है, जिसमें अशोक कहनानी का पुरानी गुदरी स्थित मकान बना है. इस जमीन को मिथिलेश ने 1.25 करोड़ रुपये में बेचा है. हालांकि, रजिस्ट्री के लिए जो दस्तावेज तैयार किये गये है. इस पर मिथिलेश ने तीन दिसंबर 2014 की तिथि में हस्ताक्षर किये.
आठ लोगों के नाम रजिस्ट्री किया. रजिस्ट्री ऑफिस में मिथिलेश चार वकीलों लेकर पहुंचे थे. दूसरी बार 18 दिसंबर 2014 को भी अलग-अलग आठ रजिस्ट्री की. इसमें सात पावर ऑफ अटॉर्नी व एक खुद से रजिस्ट्री की है. अंतिम रजिस्ट्री 11 मार्च 2015 को खाता नंबर-154 व खेसरा नंबर-336 से 17.031 डिसमिल जमीन की है. यह वही जमीन है, जिसमें अशोक कहनानी का पुरानी गुदरी स्थित मकान बना है. इस जमीन को मिथिलेश ने 1.25 करोड़ रुपये में बेचा है. हालांकि, रजिस्ट्री के लिए जो दस्तावेज तैयार किये गये है. इस पर मिथिलेश ने तीन दिसंबर 2014 की तिथि में हस्ताक्षर किये.