कीटनाशक, उर्वरक व रासायनिक दवाओं से मधुमेह का संबंध
कीटनाशक, उर्वरक व रासायनिक दवाओं से मधुमेह का संबंधविश्व स्वास्थ्य दिवस पर खास लोगों से अपनी भावी पीढ़ी को बचाने की अपील मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदयाघात, मोटापा व चर्बी से मृत्यु किसानों में कीटनाशक दवाओं से हो रहा मधुमेह मुजफ्फरपुर. मैं जनता का आह्वान और आग्रह करता हूं कि हम सभी मिलकर मधुमेह के विरुद्ध […]
कीटनाशक, उर्वरक व रासायनिक दवाओं से मधुमेह का संबंधविश्व स्वास्थ्य दिवस पर खास लोगों से अपनी भावी पीढ़ी को बचाने की अपील मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदयाघात, मोटापा व चर्बी से मृत्यु किसानों में कीटनाशक दवाओं से हो रहा मधुमेह मुजफ्फरपुर. मैं जनता का आह्वान और आग्रह करता हूं कि हम सभी मिलकर मधुमेह के विरुद्ध अभियान चलायें. स्वयं व अपनी भावी पीढ़ी को मधुमेह से बचायें. इसलिए यह आवश्यक है कि इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य दिवस पर 7 अप्रैल 2016 काे केंद्रीय विषय बीट डायबिटीज है. अगर मधुमेह से निजात पाना है. उसे काबू में रखना है तो हमें बचाव के अन्य उपायों केे साथ-साथ रासायनिक कीटनाशक उर्वरक, प्रसंस्कृत रसायनयुक्त खाद्य पदार्थ व रासायनिक दवाओं का उपयोग बंद करना होगा. अब कोई संदेह नहीं रह गया है कि इन रसायनों का मधुमेह रोग से सीध संबंध है.हालिया रिपोर्ट के अनुसार भारत मधुमेह का केंद्र बिंदु है. आज के समय में करीब 7 से 8 करोड़ व्यक्ति मधुमेह से ग्रसित हैं. 6 से 7 करोड़ लोग मधुमेह की पूर्ववर्ती स्थिति से ग्रसित हैं. जिन्हें आगे चलकर मधुमेह रोग हो जायेगा. अगर हम इस बीमारी पर काबू नहीं पायें तो ऐसी संभावना है कि पूर्ववर्ती स्थिति वाले मरीजों को छोड़कर 2030 तक भारत में करीब 10 करोड़ व्यक्ति मधुमेह से ग्रसित होंगे. स्थिति और बेकाबू हो जायेगी.मधुमेह से दुनिया में प्रतिवर्ष करीब 20 लाख व्यक्तियों की अकाल मृत्यु हो जाती है. ऐसा अनुमान है कि 2030 तक मृत्यु का यह एक बहुत बड़ा कारण बनकर उभरेगा. मृत्यु के कारणों में इसका सातवां स्थान होगा. मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदयाघात, मोटापा व चर्बी की गड़बड़ी मृत्यु का बहुत बड़ा कारक होता है. विडंबना यह है कि युवाओं व देहाती क्षेत्रों में भी मधुमेह की बीमारी तेजी से बढ़ती जा रही है. अभी तक ऐसा समझा जाता है कि यह बीमारी विशेषत दो कारणों से होती है, जिसमें अनुवांशिक व अस्वास्थ्यकर जीवन शैली प्रमुख है. जिसमें आधुनिक पुश बटन जीवन शैली, वसा प्रमुख आहार, फास्ट फूड, शिथिल पड़ते पांव, बढ़ता मोटापा, घड़ियों में कैद जीवन, तनाव, शराब, तंबाकू व धूम्रपान का सेवन शामिल हैं. अभी तक यह माना जा रहा था कि मोटापा मधुमेह का एक प्रमुख कारण है. लेकिन नवीनतम शोध के अनुसार उन व्यक्तियों को इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है, जिनके शरीर में डीडीटी जैसे कीटनाशक व अन्य रसायन उच्च स्तर पर पाये जाते हैं. प्रतिबंध के बावजूद डीडीटी व पीसीबी जैसे कीटनाशक मिट्टी व समुद्र में पाये जाते हैं. खाना के साथ हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं. वैज्ञानिकों ने इंसुलिन व रसायनों के बीच संबंधों की व्याख्या करते हुए कहा है कि जिन मोटे व्यक्तियों में रसायनों की मात्रा ज्यादा होती है. उनमें इंसुलिन की कमी हो सकती है. इसके विपरीत जिन लोगों का वजन जरूरत से ज्यादा है. लेकिन जिनके खून में रसायनों की मात्रा कम है, उनमें यह संभावना नहीं पायी जाती है. किसानों में शोध के द्वारा यह पता लगा है कि जिनके शरीर में रसायनों की मात्रा अधिक है. उनमें रक्त शर्करा का स्तर ज्यादा होता है. जो व्यक्ति कीटनाशक दवाओं के संपर्क में रहते हैं उनमें मधुमेह होने की संभावना अन्य व्यक्तियों के मुकाबले 60 प्रतिशत ज्यादा होती है. प्रस्तुति: डॉ बीबी ठाकुर, वरीय फिजिशियन