मुजफ्फरपुर: नया बिल्डिंग बायलॉज शहर विरोधी है. इससे फायदा कम नुकसान ज्यादा होगा. नगर निगम कार्यालय में मेयर वर्षा सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को हुई सशक्त स्थायी समिति की बैठक में बायलॉज पर जम कर बहस हुई. समिति के सदस्यों ने नये बायलॉज का विरोध करते हुए जबरदस्त आपत्ति दर्ज कराया है. नगर आयुक्त सीता चौधरी ने कहा कि निर्णय के तहत नगर विकास एवं आवास विभाग को आपत्ति भेजी जायेगी. बिल्डरों ने जिन 12 बिंदुओं पर आपत्ति दर्ज करायी है, उसे भी शामिल किया गया है.
उन्होंने बताया, स्थायी समिति सरकार के समक्ष यह मांग रखेगी कि नगर निगम को नये बिल्डिंग बायलॉज से मुक्त रखा जाये. क्योंकि इस शहर में प्रस्ताव लागू किया जाना संभव नहीं है. इसके अलावा बायलॉज में संशोधन की बात कही गयी है. निगम प्रशासन की ओर से सरकार को यह भी प्रस्ताव भेजा जा रहा कि नये बायलॉज में संशोधन होने तक 2007 के बायलॉज के अनुसार नक्शा स्वीकृति की अनुमति दी जाये. बैठक में डिप्टी मेयर सैयद माजिद हुसैन, सदस्य सह पार्षद राजा विनीत कुमार, दीप लाल राम, रवि शंकर शर्मा उपस्थित थे.
नये नियम से सभी वर्गो को मुश्किलें : बैठक में बताया गया, नये बायलॉज से समाज के सभी वर्ग प्रभावित होंगे. छोटे प्लॉट वाले व्यक्ति मकान नहीं बना सकते. बिल्डरों को अपार्टमेंट बनाने में लागत बढ़ जायेगी. इसके कारण साधारण आदमी फ्लैट नहीं खरीद सकता.
सदस्यों ने बताया की पूरी दुनिया में जनसंख्या विस्फोट हो रहा है. शहरों में आवासों की सबसे अधिक जरूरत है. ऐसे में भवनों का निर्माण न होना मुश्किलें खड़ी करेगा.
ऊंचे भवन नहीं बनने से विकास ठप : नये बायलॉज के लागू होने से ऊंचे भवन नहीं बन सकेंगे. इसके कारण शहरों का विकास पूरी तरह से ठप पड़ जायेगा. ग्रामीण इलाकों की ओर शहर का दायरा बढ़ेगा. इससे जमीन बंजर होगी. ग्रीन एरिया पर भी ग्रहण लगेगा. एक दिन पूर्व डिप्टी मेयर की अध्यक्षता में हुई बैठक में बिल्डरों ने जिन बिंदुओं पर आपत्ति दर्ज करायी है, इसे समिति की ओर से सराहा गया.