आत्मा का अध्ययन ही अध्यात्म : रूपम
आत्मा का अध्ययन ही अध्यात्म : रूपमफोटोबुधनगरा में श्रीमदभागवत कथा से पूर्व सत्संग का आयोजनकथावाचिका विदुषी रूपम प्रियदर्शिनी ने भक्तों को दी शिक्षावरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर . बुधनगरा में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा के पूर्व शुक्रवार को सत्संग का आयोजन किया गया. कथावाचिका विदुषी रूपम प्रियदर्शिनी ने भक्तों के साथ सत्संग करते हुए उन्हें अध्यात्म […]
आत्मा का अध्ययन ही अध्यात्म : रूपमफोटोबुधनगरा में श्रीमदभागवत कथा से पूर्व सत्संग का आयोजनकथावाचिका विदुषी रूपम प्रियदर्शिनी ने भक्तों को दी शिक्षावरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर . बुधनगरा में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा के पूर्व शुक्रवार को सत्संग का आयोजन किया गया. कथावाचिका विदुषी रूपम प्रियदर्शिनी ने भक्तों के साथ सत्संग करते हुए उन्हें अध्यात्म के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि भगवान की आराधना कभी स्वार्थ के भाव से नहीं करना चाहिए. यदि हम अपनी कामनाओं की पूर्ति के लिए ही भगवान की आराधना करते हैं तो गलत है. ईश्वर ने हमे मानव शरीर दिया है, हम उनको क्या दे सकते हैं. विदुषी रूपम ने अध्यात्म का अर्थ बताते हुए कहा कि सिर्फ पूजा पाठ अध्यात्म नहीं है. यह सिर्फ पूजा की विधि है. हमें यह सोचना चाहिए कि हमारा जन्म क्यों हुआ है. मुझे सत्कर्म करना है. आत्मा का अध्ययन ही सही मायने में अध्यात्म है.