बीमारी सिर पर, इलाज के लिए डॉक्टर नहीं

बीमारी सिर पर, इलाज के लिए डॉक्टर नहीं एइएस की तैयारी पर नहीं हुई प्रमंडल स्तरीय कार्यशाला आउटब्रेक होने की स्थिति में इलाज होना मुश्किलवरीय संवाददाता 4 मुजफ्फरपुरएइएस बीमारी सिर पर है, लेकिन अभी तक स्वास्थ्य विभाग पीएचसी व एपीएचसी में कर्मियों को प्रतिनियुक्त नहीं कर सका है. इतना ही नहीं, जो डॉक्टर हैं, वे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 8, 2016 12:00 AM

बीमारी सिर पर, इलाज के लिए डॉक्टर नहीं एइएस की तैयारी पर नहीं हुई प्रमंडल स्तरीय कार्यशाला आउटब्रेक होने की स्थिति में इलाज होना मुश्किलवरीय संवाददाता 4 मुजफ्फरपुरएइएस बीमारी सिर पर है, लेकिन अभी तक स्वास्थ्य विभाग पीएचसी व एपीएचसी में कर्मियों को प्रतिनियुक्त नहीं कर सका है. इतना ही नहीं, जो डॉक्टर हैं, वे प्रशिक्षित भी नहीं हुए हैं. जिला स्वास्थ्य समिति में प्रखंड के एक-एक मेडिकल ऑफिसर को प्रशिक्षण तो दिया गया. लेकिन शहरी क्षेत्र में डॉक्टरों का प्रशिक्षण नहीं हुआ. एइएस की तैयारी के लिए अंतिम कार्यशाला भी अब तक नहीं हो सकी है. जबकि पारा 40 तक पहुंच गया है. डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी ही स्थिति एक-दो दिन रही तो एइएस का आउटब्रेक किसी भी दिन हो सकता है. स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने राज्य स्वास्थ्य समिति से डॉक्टरों की मांग की है. लेकिन अभी तक इसकी स्वीकृति नहीं मिली है. ऐसी हालत में एइएस का आउटब्रेक होता है तो इलाज में बाधा हो सकती है.पिछले वर्ष 11 अप्रैल को हुआ था आउटब्रेकपिछले साल 11 अप्रैल को एइएस का आउटब्रेक हुआ था. हालांकि आउटब्रेक के दिन पारा 38 डिग्री सेल्सियस ही था. इस बार भी ऐसी ही स्थिति बन चुकी है. जबकि जागरूकता अभियान अभी कई जगहों पर चला भी नहीं है. नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से अधिक प्रभावित क्षेत्र कवर नहीं किये जा सके हैं. हैंड बिल भी बांटा ही जा रहा है. अधूरे प्रयास में एइएस से होगी जंगडॉक्टरों की माने तो एइएस शुरुआत के संभावित समय से एक महीने पूर्व ही जागरूकता कार्यक्रम पूरा हो जाना चाहिए था. एइएस से पूर्व ही बच्चों को गर्मी से बचाने व रात में सोने से पहले भरपेट भोजन, मीठा पदार्थ खिलाने की शुरुआत होनी चाहिए थी. जागरूकता कार्यक्रम पूरा नहीं होने से बच्चों को एइएस से बचाव के लिए तय कार्यक्रम की सफलता पर संशय दिख रहा है.

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