मुजफ्फरपुर: बिहार से नेपाल तक के लिए आतंक बना पप्पू देव को जैसे ही सोमवार को जेल से रिहा किये जाने की बात सामने आयी, वैसे ही व्यवसायियों में खलबली मच गयी. बीरगंज के सबसे बड़े व्यवसायी तुलसी अग्रवाल का अपहरण कर दो देशों के बीच चर्चा में आये पप्पू देव का आतंक आज भी है. वर्ष 2003 में पप्पू देव नेपाल में भारी मात्र में जाली नोट के साथ गिरफ्तार हुआ था. दस साल की सजा काटने के बाद उसे मुक्त किया गया है. भारत-नेपाल के बीच प्रत्यर्पण संधि नहीं रहने के कारण उसे भारत को सौंपने के बदले रिहा कर दिया गया.
पप्पू पर दर्जनों मामले
वैशाली से लेकर कोसी तक पप्पू देव पर दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज है, लेकिन उसकी गिरफ्तारी के बाद सरकार व पुलिस विभाग ने उसे नेपाल से लाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया. मुजफ्फरपुर के सब रजिस्ट्रार सूर्य नारायण सिंह व निरीक्षक को मुजफ्फरपुर से पटना जाने के क्रम में वैशाली के भगवानपुर थाना क्षेत्र से अपहरण कर लिया था. इस बीच पारू व कटरा के अवर निबंधक की हत्या भी की गयी थी. कोसी क्षेत्र में पप्पू देव का आतंक था.
मुजफ्फरपुर से गहरा संबंध
मुजफ्फरपुर से भी पप्पू का गहरा संबंध रहा है. चर्चा तो यह भी है नेपाल जेल जाने के बाद उसके कई हथियार व पैसे भी उसके सागिर्द ने ही रख लिया था. अब उन्हें भी भय सताने लगा, कहीं उससे भी इसका बदला न लिया जाये. पप्पू देव से कई बड़ी हस्तियों से संबंध रहे हैं. विगत वर्ष पप्पू देव के साथ जाली नोट के कारोबार शामिल रहने के आरोप में एक विधायक को नेपाल पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. बाद में जमानत पर वे बाहर आये.