मुजफ्फरपुर : अपराधी को किसी मामले में कभी सजा मिली है या नहीं, अब यह पता लगाना आसान होगा. सरकार इसके लिए राज्य स्तर पर सजायाफ्ता लोगों की सूची तैयार करवा रही है. इस सूची को राज्य सरकार के गृह विभाग के वेबसाइट पर लिंक के माध्यम से जोड़ा जायेगा. इस लिंक का नाम होगा. ‘अपराध के दीवानी अंजाम या सिविल कॉनसीक्वेंसेज ऑफ क्राइम’ . इस लिंक को क्लिक कर कोई भी संस्था या आम व्यक्ति भी सूची देख सकता है.
अधिकारी को मिली जिम्मेदारी
जिला स्तर पर सजायाफ्ता लोगों की सूची तैयार करने की जिम्मेदारी प्रमंडलीय आयुक्त आईजी, डीआईजी,जिलाधिकारी एसएसपी व डीएसपी की होगी. साथ ही इन अधिकारियों को इस सेवा के बारे में आम लोगों के बीच प्रचार-प्सरा भी करना होगा. राज्य सरकार के विशेष सचिव जितेंद्र कुमार ने इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को पत्र भेजा है. दरअसल यह पूरी कवायद राज्य सरकार के अपराध नियंत्रण व कानून का राज स्थापित करने के उदेश्य की पूर्ति के लिए हो रहा है. आम तौर पर सरकारी या निजी संस्थानों में नौकरी विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभ या फिर किसी प्रकार के लाइसेंस प्राप्त करने के लिए जो आवेदन पत्र आमंत्रित होता है, उसमें एक कॉलम होता है, क्या आवेदक को किसी मामसले में सजा हुई है ?
सारी जानकारी होगी अपलोड
सरकारी या निजी संस्थानों में आवेदन करते वक्त कई बार ऐसी सूचना को आवेदक छुपा लेता है. इस नियम के रोक के बावजूद भूलवश ऐसे व्यक्ति के आवेदन स्वीकार हो जाते हैं, बल्कि कुछ मामलों में सेवा का लाभ भी मिल जाता है. लेकिन लिंक पर नाम जुड़ जाने के बाद इस पर लगाम लगने की उम्मीद है. लिंक पर उपलब्ध सूची को समय-समय पर अपडेट भी किया जायेगा.
सूची में यह होंगे शामिल
किसी भी प्रकार के आपराधिक मुकदमों में दोष सिद्ध होने पर सजा प्राप्त वैसे व्यक्ति का नाम जिनकी अपील सक्षम कोर्ट द्वारा अस्वीकृत की गयी है. उसमें जिला का नाम, कारा, पीएस नंबर, जीआर नंबर,एसटीआर नंबर और कारा से मुक्ति की तिथि के अलावा सभी डिटेल मौजूद रहेंगे.