आंसुओं के सैलाब में डूब गये सपने

मुजफ्फरपुर: रसूलपुर जिलानी के रहने वाले आइआइटी छात्र सौरभ (20) का शव शुक्रवार की देर रात पटना एयरपोर्ट से एंबुलेंस द्वारा शहर लाया गया. इसके तुरंत बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए सिकंदरपुर स्थित मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया गया. शव के आते ही परिवार के लोगों का धैर्य जवाब दे गया और माहौल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 16, 2016 8:34 AM
मुजफ्फरपुर: रसूलपुर जिलानी के रहने वाले आइआइटी छात्र सौरभ (20) का शव शुक्रवार की देर रात पटना एयरपोर्ट से एंबुलेंस द्वारा शहर लाया गया. इसके तुरंत बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए सिकंदरपुर स्थित मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया गया. शव के आते ही परिवार के लोगों का धैर्य जवाब दे गया और माहौल गमगीन हो गया. होनहार बेटे की मौत से पूरा परिवार बेसुध है. कल तक जिन आंखों में बेटे की तरक्की के लिए खुशियां थी, आज उन्हीं आंखों में उसके न होने का गम भी साफ दिख रहा था. देर रात जब शव आया तो हर तरफ केवल चीख-चीत्कार ही सुनाई दे रहे थे. माेहल्ले के जिन लोगों ने इस मंजर को देखा उनकी आंखें सुधीर के लिए रो पड़ी.
बेटा खो दिया अब क्या करेंगे केस : बेटा खो दिया अब क्या करेंगे केस करके. जिसे जाना था वह तो चला गया. पिता सुधीर कुमार पांडेय के ये शब्द हर किसी को झकझोर कर रख दिया. बोले कि बेटे के खोने का गम अब तक मरने के बाद ही भूल पाऊंगा. न जाने कितने सपने देखे थे, सब सपने बेटे की मौत के साथ चले गए.
डॉ रीना पांडेय ने किया था बड़ा त्याग : सुधीर पढ़ाई में काफी अव्वल था. प्रारंभिक शिक्षा मुजफ्फरपुर से करने के बाद वह मेघालय आइआइटी करने गया हुआ था. इकलौते भाई की मौत का गम बहन प्रियंका और प्रिया को पूरी तरह से बेसुध कर दिया था. उनकी आंखों से आंसू निकलना चाह रहे थे, लेकिन वह निकल नहीं पा रहे थे. कुछ ऐसी ही हाल बूढ़े दादा डॉ सुरेंद्र पांडेय का भी था. मां डॉ रीना पांडेय ने दोनों बेटियों और बेटा सौरभ को पालने के लिए बड़ा त्याग किया था. 26 जनवरी 1995 में सुधीर की पहली पत्नी द्रौपदी की मौत के बाद उन्होंने डॉ रीना पांडेय से दूसरी शादी की. उस वक्त सौरभ व दोनों बहनें प्रियंका और प्रिया की उम्र बेहद कम थी. इनकी अच्छी परवरिश के लिए डॉ रीना पांडेय ने बड़ा त्याग करते हुए औलाद को जन्म नहीं दिया.
हर किसी की आंखों से छलक रहे थे आंसू : रसूलुपर जिलानी मोहल्ले में जैसे ही सुधीर के मौत की जानकारी हुई, वैसे ही मोहल्ले के लोगों का आना-जाना उनके घर पर हो गया. माेहल्ले के लोग इस कदर दुखी थे कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि इतना होनहार बेटा इस कदर छोड़ कर चला जाएगा. हर किसी के आंखों से उसे खोने का दर्द साफ झलक रहा था. यही वजह थी कि सौरभ के परिवार को सांत्वना देने वालों का दिन भर तांता लगा रहा.
ऐसे हुआ था हादसा : आइआइटी छात्र सौरभ पांडेय मेघालय व असम के बाॅर्डर पर दोस्तों के साथ गुरुवार को पिकनिक मनाने गये हुए थे. इस बीच वह झील पर नहा रहे थे. उसी वक्त पैर फिसल गया और झील में डूबने से सौरभ की मौत हो गयी.

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