मुजफ्फरपुर: 22 अप्रैल को सबसे ज्यादा लग्न है. शुक्रवार को पूर्णिमा व हनुमान जयंती एक साथ होने के कारण इस तिथि का विशेष का महत्व है. इसलिए शुभ दिन पर लोगों ने शादी का मुहूर्त उतारा है. जिले में इस तिथि को पंडितों की भी कमी हो गई है. लोगों को खोजने के बाद भी पंडित नहीं मिल रहे हैं. शहर के प्रमुख मंदिरों में गरीब नाथ मंदिर, संतोषी मां का मंदिर व महामाया मंदिर में भी कई लोगों ने शादियों के लिए संपर्क किया है.
जूरन छपरा महेश बाबू चौक स्थित महामाया स्थान मंदिर के प्रधान आचार्य रणजीत नारायण तिवारी बताते हैं कि 22 अप्रैल को शादी का विशेष महत्व है. यह अति शुभ तिथि है. 29 अप्रैल तक लग्न है. इसके बाद शादियां नहीं होंगी. क्योंकि मई व जून में गुरु अस्त हो जाने के कारण लग्न नहीं है. कोई भी शुभ कार्य नहीं किये जा सकते हैं. शादी भी नहीं कर सकते हैं. इसमें शादी करना बेहतर नहीं माना गया है. हालांकि, जरूरत के अनुसार लोग यज्ञ अनुष्ठान, महायज्ञ कर सकते हैं. इसके लिए मुहूर्त बन रहे हैं.
आचार्य तिवारी बताते हैं कि मई व जून समाप्त होने के बाद जुलाई के प्रथम सप्ताह में भी लग्न नहीं है. फिर छह जुलाई से लग्न प्रारंभ होगा. इसके बाद लोग शादियां के लिए तिथि बनवा सकते हैं.
इधर, गरीब नाथ मंदिर के पुजारी पंडित विनय पाठक बताते हैं कि शुक्रवार यानी 22 अप्रैल को हनुमान जयंती व पूर्णिमा एक साथ हैं. इसलिए शादियों का विशेष महत्व है. यह घड़ी बहुत ही शुभ मानी गई है. लग्न अधिक होने के कारण कई लोगों ने संपर्क किया है. कल के लग्न को लेकर लोगों में काफी उत्साह है.