मुजफ्फरपुर : बिजली संकट झेल रहे जिले वासियों को अभी कुछ दिनों तक इससे निजात नहीं मिल सकती है. रुक-रुक चल रही तेज हवा से जहां एकाएक फीडर को बंद करना पड़ रहा है, वहीं दिन में आवंटन में भी कटौती जारी है. सोमवार को सुबह दस बजे से दोपहर ढाई बजे तक रामदयालुनगर ग्रिड को मात्र 55 मेगावाट तक आपूर्ति हुई. इसी में से वैशाली ग्रिड को भी बिजली देनी पड़ी. इस कारण ग्रिड से ही शहरी फीडर को एक-दो घंटे के लिए दिन में बंद कर दी गयी.
इसके अलावा भिखनपुरा फीडर से जुड़े इलाके में फॉल्ट की शिकायत पर एस्सेल ने शट डाउन लेकर दो घंटे के लिए आपूर्ति को बंद कर दिया. भगवानपुर फीडर से जुड़े बीबीगंज मुहल्ले में भी सुबह से 11 बजे तक बिजली गायब रही. बताया जाता है कि ट्रांसफॉर्मर का फेज उड़ जाने के कारण बीबीगंज मुहल्ले में करीब चार घंटे तक आपूर्ति बाधित रही.
बखरा, पारू व धनुपरा सब स्टेशन को मांगी अतिरिक्त बिजली
बिजली की किल्लत से जूझ रहे बखरा, पारू व धनुपरा (बसरा) पावर सब स्टेशन से जुड़े उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए पहल शुरू हो गयी है. अधीक्षण अभियंता सप्लाई जयशंकर झा ने एनडीपीसीएल ट्रांसमिशन के जीएम को पत्र लिख कर तीनों सब स्टेशन के लिए अतिरिक्त 12 मेगावाट बिजली की मांग की है. इसमें सहयोग के लिए जिलाधिकारी धर्मेंद्र सिंह को भी पत्र की कॉपी भेजी गयी है. फिलहाल इन तीनों पावर स्टेशन को वैशाली जिला स्थित ग्रिड से बिजली की आपूर्ति होती है. इसी ग्रिड से वैशाली जिला के लालगंज, वैशाली व पटेढ़ी बेलसर के पावर स्टेशन को भी बिजली आपूर्ति की जाती है. वैशाली ग्रिड से इन दिनों अधिकतम 25 से 26 मेगावाट बिजली की आपूर्ति होती है. लेकिन पिक आवर में महज 15 मेगावाट बिजली ही आपूर्ति की जाती है. इसमें से वैशाली जिला के तीन पावर सब स्टेशनों को औसतन नौ मेगावाट व मुजफ्फरपुर जिला के तीनों पावर सब स्टेशन को मिला कर औसतन छह मेगावाट बिजली उपलब्ध करायी जाती है.
अधीक्षण अभियंता सप्लाई के अनुसार, पिक आवर में अकेले पारू व बखरा पावर सब स्टेशन में औसतन तीन-तीन मेगावाट से अधिक बिजली की जरूरत है. ऐसे में वैशाली ग्रिड से उपलब्ध करायी गयी बिजली से इससे संबंधित क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति बाधित होती है. इस कारण समय-समय पर स्थानीय लोग हंगामा करते हैं व सड़क जाम कर देते हैं. समस्या से निजात के लिए अधीक्षण अभियंता ने वैशाली ग्रिड के विस्तारीकरण से पूर्व ग्रिड की पूरी क्षमता (25 से 26 मेगावाट) बिजली की आपूर्ति की मांग की है, इससे पारू व बखरा को पांच-पांच मेगावाट व धनुपरा (बसरा) पावर सब स्टेशन को दो मेगावाट अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति हो सके.