मुजफ्फरपुर : अपहरण मामले की सुनवाई कर रहे जिला जज हरेंद्र नाथ तिवारी दोषी पाते हुए हथौड़ी थाना क्षेत्र के पुनरवारा प्यारे निवासी सुबोध सहनी, पकड़ी फुर्द निवासी लाल बिहारी महतो व पारू थाना क्षेत्र के मलाही निवासी बोलेराे चालक अजीबुल रहमान उर्फ कल्लू को आजीवन कारोवास व 15-15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई […]
मुजफ्फरपुर : अपहरण मामले की सुनवाई कर रहे जिला जज हरेंद्र नाथ तिवारी दोषी पाते हुए हथौड़ी थाना क्षेत्र के पुनरवारा प्यारे निवासी सुबोध सहनी, पकड़ी फुर्द निवासी लाल बिहारी महतो व पारू थाना क्षेत्र के मलाही निवासी बोलेराे चालक अजीबुल रहमान उर्फ कल्लू को आजीवन कारोवास व 15-15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.
विदित हो कि बोचहां थाना क्षेत्र के भुसाही निवासी दिलीप कुमार सिन्हा के पुत्र शुभम कुमार का अपहरण साइकिल से डीएवी जाने के दौरान 28 दिसंबर 2010 की सुबह कर लिया गया था. जिसके बाद अपहरण की घटना की जानकारी बोचहां के तत्कालीन थानाध्यक्ष जितेंद्र प्रसाद को मिली. जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि घटना की जानकारी को मिलने के बाद वरीय पदाधिकारी को सूचना देने के बाद घटना स्थल के लिए पुलिस बल के साथ रवाना हुआ.
भूसाही के पास जब पहुंचा तो लोगों ने बताया कि लाल रंग बोलेरो गाड़ी व एक प्लैटिना सवार व्यक्ति ने साइकिल से जबरन खींचकर शुभम को लाल रंग की बोलेरो में बैठा लिया. और वहां पर कागज का टुकड़ा छोड़ गया. जिसमें 20 लाख रुपये फिरौती की मांग लिखा था. लोगों ने बताया कि उक्त बोलेरो भूताने गांव की ओर गई है. जिसके बाद पीछा करते हुए आगे बढ़े. लोगों के बताये अनुसार, बाेलेराे का पीछा करते हुए सीतामढ़ी के रून्नीसैदपुर थाना क्षेत्र के तिलकताजपुर गांव के चौर में पहुंचे. दूर से देखा कि लाल रंग का बोलेरो व प्लैटिना सवार जा रहे हैं.
जिसके बाद पुलिस बल ललकार कर रोकने को कहा तो तिलकताजपुर चौक पर बोलेरो व प्लैटिना खड़ी कर उस पर सवार लोग भागने लगे. जिसके बाद पुलिस बल ने उनलोगों को खदेड़ लिया. बोलेरो में बंधक बनाकर रखे अपहृत शुभम को मुक्त कराया. धराये लोगों ने अपना नाम सुबोध सहनी, लाल बिहारी महतो, पंकज सहनी, विनय सहनी व गाड़ी चालक के रूप में अजीबुल रहमान उर्फ कल्लू बताया. जिसके बाद पुलिस ने सभी को जेल भेज दिया. 26 मार्च 2011 को आरोपितों के विरुद्ध आरोप पत्र समर्पित किया था.