विवि में फिर बवाल: निशाने पर थे परीक्षा नियंत्रक रिजल्ट को ले हंगामा

मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के स्नातक पार्ट फर्स्ट व सेकेंड के रिजल्ट में हुयी गड़बड़ी पर गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने पेंडिंग रिजल्ट के मामले को लेकर कुलपति कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन व नारेबाजी की. उनके निशाने पर परीक्षा नियंत्रक थे. कार्यकर्ता विवि के प्रशासनिक भवन पहुंचे. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 13, 2016 8:08 AM

मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के स्नातक पार्ट फर्स्ट व सेकेंड के रिजल्ट में हुयी गड़बड़ी पर गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने पेंडिंग रिजल्ट के मामले को लेकर कुलपति कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन व नारेबाजी की. उनके निशाने पर परीक्षा नियंत्रक थे.

कार्यकर्ता विवि के प्रशासनिक भवन पहुंचे. वहां पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की. वहां से कुलपति कार्यालय के सामने पहुंचे और धरना दिया. प्रशासन व कुलपति के खिलाफ नारेबाजी भी की. शोरगुल पर कुलपति बाहर निकले और कार्यकर्ताओं को शांत कराया. इसके बाद दो सदस्यों को अंदर बुलाया. उन्होंने शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया.

वसूली के लिए किया जाता है पेंडिंग

परिषद के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रणवीर कुमार आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सत्र नियमित करने की बजाय लेट हो रहा है. परीक्षा नियंत्रक की नाकामी के बावजूद कुलपति उन्हें पद पर बनाए रखना चाहते हैं. महामंत्री सोनू शाही ने कहा कि जानबूझकर रिजल्ट को पेंडिंग किया जाता है. शशि राजन, रोशन कुमार, राहुल, दिव्यांशु, संदेश, प्रकाश, रमेश आदि मौजूद थे.

केमेस्ट्री में कम अंक : छात्रों ने स्नातक पार्ट फर्स्ट व सेकेंड में कई विषयों में कम अंक होने का भी आरोप लगाया. बताया कि कई छात्रों को केमिस्ट्री में बेहद कम अंक मिले हैं.

वही, कैंपस में सुरक्षा को लेकर हुई घेराबंदी पर भी परिषद के नेताओं ने आक्रोश व्यक्त किया. कहा कि आतंकी हमला बताकर छात्रों को बेवजह परेशान किया जा रहा है.

जून में करायेंगे पार्ट थर्ड की परीक्षा

डिग्री पार्ट थर्ड का परीक्षा कार्यक्रम जारी करने की मांग की तो परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि जून में परीक्षा करायेंगे और जुलाई में परिणाम घोषित कर देंगे.

पेंडिंग रोकना विवि के सामने चुनौती

पेंडिंग के साथ ही अंकपत्र में त्रुटियों को रोकना विवि के सामने बड़ी चुनौती बनता जा रहा है. इसको लेकर विवि में अक्सर हंगामे की नौबत आती है. बावजूद विवि प्रशासन रोक लगाने में असफल दिख रहा है.

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