अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र समर्पित
मुजफ्फरपुर : मिठनपुरा पुलिस ने वंदना चौधरी हत्याकांड में गिरफ्तार तीनों अभियुक्तों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित कर दिया है. बेला निवासी वंदना की हत्या इसी वर्ष पहली फरवरी को हुई थी. इस संबंध में उसकी मां माला चौधरी ने बेला थाना में उसके ससुर बैधनाथ चौधरी, सास राधिका देवी व ननद किरण […]
मुजफ्फरपुर : मिठनपुरा पुलिस ने वंदना चौधरी हत्याकांड में गिरफ्तार तीनों अभियुक्तों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित कर दिया है. बेला निवासी वंदना की हत्या इसी वर्ष पहली फरवरी को हुई थी. इस संबंध में उसकी मां माला चौधरी ने बेला थाना में उसके ससुर बैधनाथ चौधरी, सास राधिका देवी व ननद किरण देवी पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया था. पुलिस ने तीनों अभियुक्तों को गिरफतार कर न्यायायिक हिरासत में भेज दिया था.
सरैया आरोपुर के राजकिशोर चौधरी ने अपनी पुत्री वंदना की शादी वर्ष 2002 में बेला के बैद्यनाथ चौधरी के पुत्र संतोष चौधरी से की थी. पारिवारिक विवाद के कारण वर्ष 2010 में श्री चौधरी ने संतोष को अलग रहने को कह दिया. इसके बाद संतोष अपनी पत्नी वंदना व बच्चों के साथ अलग रहने लगा. संतोष का छोटा भाई संजीव चौधरी राजस्थान के जयपुर में चालक की नौकरी करता था. वर्ष 2014 में राजस्थान में ही उसकी मृत्यु हो गयी. संजीव की हत्या का दोष वंदना व संतोष पर मढ़ते हुए श्री चौधरी, उनकी पत्नी राधिका देवी व बेटी किरण उन्हें काफी प्रताड़ित करने लगे.
पहली फरवरी 2016 के करीब 3.30 बजे संतोष अपने बच्चों को स्कूल से लेकर घर लौटा और एक घंटे के बाद अपने किसी कार्य से मुशहरी ब्लॉक की ओर चला गया. शाम करीब छह बजे उसकी बेटी ने मोबाइल पर वंदना के जख्मी हो जाने की सूचना दी. इस सूचना पर वह घर लौटा और जख्मी वंदना को इलाज के लिए खादी भंडार चौक स्थित डॉ़ बीएन सिंह के क्लीनिक पर ले गया. वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. इस घटना की सूचना संतोष ने अपनी सास माला चौधरी को दी. माला चौधरी ने बेला थाना में अपनी बेटी के हत्या का आरोप बैद्यनाथ चौधरी, राधिका देवी व किरण पर लगाया. पुलिस ने मौके से ही किरण को गिरफ्तार कर लिया था. बाद में बैद्यनाथ चौधरी व राधिका देवी की भी गिरफ्तारी हो गयी.
इस मामले की जांच नगर डीएसपी आशीष आनंद ने की. जांच के दौरान पोस्टमार्टम रिपोर्ट से वंदना की हत्या किसी ठोस हथियार के प्रहार से हाेने की पुष्टि हुई. उसके शरीर पर पांच जख्म के निशान थे. गवाहों के बयान से भी तीनों प्राथमिक अभियुतों के विरुद्ध आरोप को सत्य पाया गया. इसके बाद डीएसपी ने हत्यारोपी तीनों अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल करने का निर्देश अनुसंधानक को दिया.