अतिक्रमण: खासमहाल की जमीन को ले प्रशासनिक तैयारी, कोर्ट में मजबूती से रखा जायेगा पक्ष

मुजफ्फरपुर: खासमहाल की जमीन को अतिक्र मणमुक्त कराने के लिए अब प्रशासन कानूनी लड़ाई भी लड़ेगा. इसके तहत वैसे मामलों को चिह्नित किया जायेगा, जिसमें समुचित पैरवी के अभाव में वह हार चुका है. उन मामलों में प्रशासन ऊपरी अदालत में रिवीजन वाद दायर करने की तैयारी में है. ऐसे मामलों को चिह्नित करने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 24, 2016 9:56 AM
मुजफ्फरपुर: खासमहाल की जमीन को अतिक्र मणमुक्त कराने के लिए अब प्रशासन कानूनी लड़ाई भी लड़ेगा. इसके तहत वैसे मामलों को चिह्नित किया जायेगा, जिसमें समुचित पैरवी के अभाव में वह हार चुका है. उन मामलों में प्रशासन ऊपरी अदालत में रिवीजन वाद दायर करने की तैयारी में है. ऐसे मामलों को चिह्नित करने के लिए विशेष तौर पर वरीय अधिकारी के साथ एक सहायक की प्रतिनियुक्ति की जायेगी. वे मामलों की समीक्षा कर पंद्रह दिनों के भीतर कोर्ट में रिवीजन वाद दायर करेंगे.
प्रमंडलीय आयुक्त अतुल प्रसाद के निर्देश पर हरकत में आये जिला प्रशासन ने इसके लिए प हल शुरू कर दी है. जिलाधिकारी धर्मेंद्र सिंह ने अपर समाहर्ता सुशांत कुमार को 28 मई तक अनुपालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा है. प्रशासन के समक्ष कई ऐसे मामले भी सामने आये हैं, जिसमें समुचित पैरवी नहीं होने के कारण कोर्ट ने एक पक्षीय फैसला सुना दिया है. इससे बचने के लिए भी विशेष रणनीति तैयार की गयी है.

इसके तहत अब खासमहाल की जमीन के अतिक्र मण से संबंधित कोई भी मामला कोर्ट में जाने पर प्रशासन तत्काल संबंधित अभिलेख, मन की अद्यतन तसवीर व वीडियो संकलित कर साक्ष्य के तौर पर प्रस्तुत करेगा. फिलहाल सरकार की ओर से सिकंदरपुर मन स्थित खासमहाल की जमीन को अतिक्र मणमुक्त करने के लिए प्रशासन ने इसके सीमांकन का फैसला लिया है, जिसकी प्रक्रि या जारी है. कुछ ऐसे मामले भी सामने आये हैं, जिसमें कर्मचारियों की मिलीभगत से खासमहाल की जमीन की गलत तरीके से दूसरे के नाम पर जमाबंदी कर दी गयी थी. मामला अपर समाहर्ता के कोर्ट में भी पहुंचा था. अपर समाहर्ता के आदेश पर ऐसे सभी जमाबंदी को निरस्त कर दिया गया था.

भविष्य में इस तरह के मामले न दोहराये जाये, इसके लिए भी एक जून को प्रस्तावित प्रमंडलीय आयुक्त की समीक्षा बैठक में रणनीति तैयार की जायेगी.

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