जाति पूछ घरों के अंदर प्रवेश की स्वीकृति

मुजफ्फरपुर: समाज में ऊपरी स्तर पर छुआछूत भले ही नहीं दिखता हो, लेकिन उसकी जड़ें अभी भी काफी गहरी हैं. सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक ढांचे में बदलाव के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में छुआछूत पहले की तरह ही कायम है. इसका खुलासा स्वास्थ्य विभाग के कालाजार उन्मूलन अभियान में हुआ. जब लोग घरों के अंदर स्प्रे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 26, 2016 9:47 AM
मुजफ्फरपुर: समाज में ऊपरी स्तर पर छुआछूत भले ही नहीं दिखता हो, लेकिन उसकी जड़ें अभी भी काफी गहरी हैं. सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक ढांचे में बदलाव के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में छुआछूत पहले की तरह ही कायम है. इसका खुलासा स्वास्थ्य विभाग के कालाजार उन्मूलन अभियान में हुआ. जब लोग घरों के अंदर स्प्रे करने वालों के प्रवेश से पहले उनकी जाति व समुदाय पूछने लगे तो स्वास्थ्य अधिकारी भी हैरत में पड़ गये. लोगों ने कुछ जातियों के नाम गिनाये व कहा कि इनके अतिरिक्त हम किसी को घर के अंदर प्रवेश नहीं करने देंगे. भले ही हमारे घर में कालाजार के मच्छर हों.
साहेबगंज व बोचहां में आये सर्वाधिक मामले, वैसे तो जिले के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह की समस्याएं आयीं, लेकिन साहेबगंज व बोचहां में अधिकतर घर इस वजह से छोड़ने पड़े. हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व स्प्रे कर्मियों ने उन घरों को मार्क कर जिला मलेरिया विभाग को सूची सौंपी. रिपोर्ट की मानें तो इन इलाकों में करीब बीस फीसदी घर इसी वजह से स्प्रे से वंचित रहे. स्वास्थ्य विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए दुबारा उन गांवों में कैंप कराया.
जिला मलेरिया पदाधिकारी ने खुद किया स्प्रे, साहेबगंज व बोचहां में किये जा रहे स्प्रे कैंप में जिला मलेरिया पदाधिकारी डाॅ सतीश कुमार ने कई घरों के अंदर जाकर खुद स्प्रे किया. उन्होंने कहा कि ऐसा करने से पहले उन्हें घर के मुखिया को अपने बारे में बताना पड़ा. जब वे संतुष्ट हो गये तो उन्होंने मुझे घर के अंदर प्रवेश करने की अनुमति दी. स्प्रे कर्मियों को बाहर छोड़ कर मैंने दवा के साथ अकेले घर में प्रवेश किया व दीवारों पर दवा का छिड़काव किया. उन्होंने कहा कि सरकार के निर्देश के अनुसार सभी घरों को कवर किया जाना है. ऐसी स्थिति में उनके पास दूसरा कोई चारा नहीं था. वे इस संबंध में रिपोर्ट बना रहे हैं.

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