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15 साल से 250 पुस्तकों पर शिक्षकों का कब्जा

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि के सेंट्रल लाइब्रेरी की पुस्तकों पर शिक्षकाें का कब्जा है. 15 साल से 250 से अधिक पुस्तकें शिक्षकों के नाम इश्यू हैं, लेकिन शिक्षकों ने उन पुस्तकों को अबतक पढ़कर जमा नहीं कराया है. ऐसा नहीं है कि शिक्षकाें को इस बात की जानकारी नहीं है. उन्हें इसके लिए कई बार […]

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि के सेंट्रल लाइब्रेरी की पुस्तकों पर शिक्षकाें का कब्जा है. 15 साल से 250 से अधिक पुस्तकें शिक्षकों के नाम इश्यू हैं, लेकिन शिक्षकों ने उन पुस्तकों को अबतक पढ़कर जमा नहीं कराया है. ऐसा नहीं है कि शिक्षकाें को इस बात की जानकारी नहीं है. उन्हें इसके लिए कई बार लाइब्रेरी की ओर से नोटिस भेजा गया, लेकिन शिक्षकों ने पुस्तकों को जमा कराने की जहमत नहीं उठाई.
21 दिनों के अंदर जमा करनी होती है पुस्तक
यूजीसी के नियम के अनुसार, छात्र व शिक्षक जब पुस्तक अपने नाम से इश्यू कराते हैं, तो उन पुस्तकों को 21 दिन के अंदर जमा करने का नियम है. लेकिन विवि में ऐसा नहीं हो रहा है. नियमों को दरकिनार करते हुए शिक्षक सालों से पुस्तक जमा नहीं कर रहे हैं. इनमें कई ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपने नाम से एक साथ कई पुस्तकें इश्यू करा रखे हैं. कई शिक्षक तो ऐसे भी हैं, जिन्होंने रिटायर होने के बाद पुस्तकाें को जमा किया.
उधर, सेंट्रल लाइब्रेरी में आज बैठक होगी. लाइब्रेरी इंचार्ज डॉ कौशल किशोर चौधरी ने बताय कि बैठक में अलग-अलग विभागों के लिए नयी पुस्तकें खरीदने पर विचार किया जायेगा. इसके लिए करीब 12 लाख से अधिक की राशि खर्च करने की योजना बनायी गयी है. इसके अलावा स्टडी सेंटर को भी आधुनिक करने की योजना है. बैठक में लाइब्रेरी खुलने व बंद करने का समय भी निर्धारित करने का फैसला लिया गया है. इसके अलावा शिक्षकाें से भी फाइन वसूलने की रणनीति बनायी जा रही है. बैठक में सभी विभागाध्यक्ष सहित वीसी डॉ पंडित पलांडे मौजूद रहेंगे.
दो रुपये तय किया गया है फाइन
पिछले साल फरवरी माह में विवि में आयोजित सेंट्रल लाइब्रेरी की बैठक में शुल्क बढ़ाने पर चर्चा हुई थी. इसके बाद यह तय किया गया था कि 50 पैसे के बजाए दो रुपये फाइन के तौर पर वसूला जायेगा. लेकिन इसका पालन शिक्षकों ने नहीं किया. अब नये सिरे से इसे लागू करने का विवि मन बना रहा है.
कई ऐसे शिक्षक हैं, जिन्होंने कई सालों से पुस्तक अपने नाम से इश्यू कर रखे हैं. कई बार नोटिस भी भेजा गया. इसके बावजूद शिक्षकों ने पुस्तकों को जमा नहीं कराया.
डॉ कौशल किशोर चौधरी, इंचार्ज, सेंट्रल लाइब्रेरी

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