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सीतामढ़ी एनएच निर्माण कार्य जल्द होगा पूरा

पांच सदस्यीय कमेटी ने सौंपी रिपोर् मुजफ्फरपुर : सीतामढ़ी एनएच-77 के अधूरे निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए औराई के तीन गांवों में अर्जित जमीन के मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी. इसके लिए डीएम की ओर से गठित पांच सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इसके आधार पर यदि जमीन […]

पांच सदस्यीय कमेटी ने सौंपी रिपोर्

मुजफ्फरपुर : सीतामढ़ी एनएच-77 के अधूरे निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए औराई के तीन गांवों में अर्जित जमीन के मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी. इसके लिए डीएम की ओर से गठित पांच सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इसके आधार पर यदि जमीन का अर्जन होता है, तो तीनों गांवों के सैकड़ों किसानों को राहत मिलेगी. कमेटी ने जांच रिपोर्ट के साथ स्टील फोटोग्राफ व सीडी की कॉपी भी डीएम को सौंप दी है.
कमेटी में अपर समाहर्ता सुशांत कुमार, एसडीओ पूर्वी सुनील कुमार, अवर जिला निबंधक निलेश कुमार, डीसीएलआर पूर्वी शाहजहां व औराई सीओ शामिल थे. दोबारा जांच का फैसला रिपोर्ट के साथ लगायी गयी सीडी गायब होने के कारण लिया गया था. मुजफ्फरपुर से सोनबरसा को जोड़ने वाली एनएच-77 के टू-लेन मार्ग में करीब दो किमी तक निर्माण कार्य बीते चार सालों से ठप है. कारण औराई के गोपालपुर, पितौझिया जगन्नाथ व
सीतामढ़ी एनएच निर्माण
बेदौल असली गांव के किसान वहां काम नहीं होने दे रहे हैं. किसानों की आपत्ति के बाद 2013 में तत्कालीन डीएम अनुपम कुमार ने किस्म निर्धारण के लिए कमेटी का गठन किया था. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट भी दे दी. करीब ढाई साल बाद इस वर्ष फरवरी में डीएम धर्मेंद्र सिंह ने विवाद सुलझाने के लिए अर्जन विभाग से रिपोर्ट तलब की, तो रिपोर्ट के साथ सिर्फ फोटोग्राफ ही मिले, सीडी गायब थी. नियम के अनुसार, जांच के समय वीडियोग्राफी कर रिपोर्ट के साथ सीडी लगाना अनिवार्य है. इसे देखते हुए डीएम ने पांच सदस्यीय कमेटी गठित की थी.
वर्तमान स्थिति पर तय हुई किस्म
कमेटी ने जांच रिपोर्ट में जमीन की किस्म खतियान के हिसाब से नहीं, बल्कि वहां की वर्तमान स्थिति के आधार पर तय की है. इसका लाभ संबंधित किसानों को होगा. मसलन, बेदौल असली, जो एनएच के सटे बसा है, वहां कि धनहर-2, मकान मय सहन जैसी जमीन को आवासीय मान लिया गया है. इसी तरह पितौझिया जगन्नाथ में अधिकांश भीठ-1 को आवासीय, धनहर-1 को भीठ-1 किस्म माना गया है. गोपालपुर में भी अधिकांश धनहर-2 को आवासीय जमीन का दर्जा दिया गया है.
रिपोर्ट से सीडी गायब होने पर नये सिरे से करायी गयी है जांच
चार साल से रुका है दो किमी सड़क का निर्माण
जमीन की किस्म को लेकर जारी विवाद भी होगा दूर
वर्तमान स्थिति के आधार पर हुआ है किस्म का निर्धारण
तीन गांवों के सैकड़ों किसानों को मिलेगा लाभ

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