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निजी जमीन पर बसी मलीन बस्तियों का बनेगा माइक्रो प्लान

मुजफ्फरपुर: शहरी क्षेत्र की मलीन बस्तियों के आधारभूत संरचना के विकास की कवायद शुरू हो गयी है. नगर विकास एवं आवास विभाग के निर्देश के तहत पहले केवल निजी भूमि पर बसी बस्तियों में विकास काम शुरू होगा. राज्य को मलीन बस्ती विहीन बनाने के लिए प्रथम चरण में 29 नगर निगम में विकास कार्य […]

मुजफ्फरपुर: शहरी क्षेत्र की मलीन बस्तियों के आधारभूत संरचना के विकास की कवायद शुरू हो गयी है. नगर विकास एवं आवास विभाग के निर्देश के तहत पहले केवल निजी भूमि पर बसी बस्तियों में विकास काम शुरू होगा.

राज्य को मलीन बस्ती विहीन बनाने के लिए प्रथम चरण में 29 नगर निगम में विकास कार्य शुरू होगा. सरकार ने इसके लिए मार्गदर्शिका जारी कर दी है. इस संबंध में नगर विकास एवं आवास विभाग के संयुक्त सचिव जय सिंह ने नगर आयुक्त सीता चौधरी को पत्र लिखा है. विकास के लिए प्रमंडल में मलीन बस्तियों के हर परिवार की प्राक्कलन राशि 30 हजार रुपये तय किया गया है.

डीएफआइडी की राशि से होगा विकास
मलीन बस्तियों में डीएफआइडी की राशि से विकास कार्य होगा. इसके तहत संवर्धन व स्पर योजना तैयार करेगी. संवद्ध्र्रन कार्यक्रम के तहत नियुक्त किये गये एनजीओ को चयनित मलीन बस्तियों में सामुदायिक संगठन बनाने व बस्तियों की सूक्ष्म योजना (माइक्रो प्लान) बनाने का कार्य दिया गया है. यूटीएएसटी व स्पर की ओर से तैयार माइक्रो प्लान पर निकाय से सहमति लेना जरूरी है. मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना के तहत कार्यपालक अभियंता 50 लाख रुपये तक का प्राक्कलन तैयार कर तकनीकी स्वीकृति के लिए सरकार को भेज सकते हैं.

बस्तियों में ये होंगी सुविधाएं

व्यक्तिगत शौचालय

सामुदायिक शौचालय

पेयजल की व्यवस्था

सार्वजनिक प्रकाश की व्यवस्था

सड़क व नाला

सामुदायिक भवन

पहले से 105 स्लम क्षेत्र चयनित
नगर निगम क्षेत्र में पहले से 105 स्लम क्षेत्र चयनित हैं, जहां आधारभूत संरचना का विकास होना है. सरकार के निर्देश के तहत अब निजी भूमि पर बसे स्लम क्षेत्र की सूची तैयार करनी होगी. उक्त चयनित स्लम क्षेत्र में आधा दर्जन क्षेत्र का भी माइक्रो प्लान नहीं तैयार हो सका है. इधर, सरकार की ओर से जारी मार्गदर्शिका में लाइट से लेकर नाला व सामुदायिक भवन बस्ती में कहां व कितनी दूरी पर बनना है, इसका पूरा ब्योरा दिया गया है.

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