अभियुक्तों से की पूछताछ

मुजफ्फरपुर: कुरियर के माध्यम से 25 जुलाई 2012 को कल्याणी चौक से 24.5 लाख का नकली नोट पकड़े जाने के मामले में सोमवार को दिल्ली से सीबीआइ की चार सदस्यीय टीम शहर पहुंची. सीबीआइ ने जेल में बंद दोनों अभियुक्तों असरुर अहमद उर्फ मास्टर व केसरिया निवासी सूरज सिंह को तीन दिन के लिए रिमांड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:39 PM

मुजफ्फरपुर: कुरियर के माध्यम से 25 जुलाई 2012 को कल्याणी चौक से 24.5 लाख का नकली नोट पकड़े जाने के मामले में सोमवार को दिल्ली से सीबीआइ की चार सदस्यीय टीम शहर पहुंची. सीबीआइ ने जेल में बंद दोनों अभियुक्तों असरुर अहमद उर्फ मास्टर व केसरिया निवासी सूरज सिंह को तीन दिन के लिए रिमांड पर लिया. देर रात तक दोनों से सीबीआइ की टीम पूछताछ करने में जुटी थी.

बताया जाता है कि 24.5 लाख के नकली नोट मामले में राजस्व आसूचना निदेशालय के साथ-साथ सीबीआइ भी जांच कर रही है. रिमांड पर लेने के बाद सदर अस्पताल में दोनों की मेडिकल जांच भी करायी गयी है. पूछताछ के क्रम में दोनों के तार अंतरराष्ट्रीय गिरोह से जुड़े बताये जाते हैं. हालांकि, इस संबंध में सीबीआइ के अधिकारियों ने कुछ भी बोलने से इनकार किया है.

क्या था मामला
डीआरआइ की टीम ने 25 जुलाई 2012 को नगर थाना क्षेत्र के कल्याणी चौक के समीप छापेमारी कर 24.5 लाख का नकली नोट पकड़ा था. नकली नोट होम थियेटर में रख कर कुरियर के माध्यम से बैंकाक से मोतिहारी के लिए बुक किया गया था. सभी नोट पांच-पांच सौ के थे. कुरियर रिसिव करने आये पूर्वी चंपारण जिले के रामगढ़वा अधपकड़िया निवासी असरुर अहमद व केसरिया निवासी सूरज सिंह को पकड़ा था. असरुर सरकारी विद्यालय में शिक्षक भी था. पकड़ाने के बाद दोनों से रॉ व आइबी के अधिकारियों ने भी पूछताछ की थी. इसके पूर्व दिसंबर 2011 में डीआरआइ ने बांगलादेश से लाये जा रहे 20.5 लाख का खेप पकड़ा था.

छानबीन में यह मामला सामने आया था कि अब तक नकली नोट मामले में पाकिस्तान, बांगलादेश का नाम सामने आया था. पहली बार बैंकाक का नाम सामने आने पर अधिकारियों के कान भी खड़े हो गये थे. यह भी बात सामने आयी थी कि पाकिस्तान से बैंकॉक नोट भेजा गया था. वहां से कुरियर के जरिये नकली नोट की खेप भेजी गयी थी.

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