16 बीएड कॉलेजों ने सौंपी स्टेटस रिपोर्ट

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि से संबद्ध 30 कॉलेजों में से अब तक केवल 16 कॉलेजों ने ही अपनी स्टेटस रिपोर्ट सौंपी है. जबकि इसके लिए महज 10 ही दिन सरकार की ओर से निर्धारित किये गये थे. इसकी वजह से सरकार ने इस पर कड़ी नाराजगी भी जतायी है. टॉपर घोटाले को लेकर चर्चा में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 24, 2016 1:44 AM
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि से संबद्ध 30 कॉलेजों में से अब तक केवल 16 कॉलेजों ने ही अपनी स्टेटस रिपोर्ट सौंपी है. जबकि इसके लिए महज 10 ही दिन सरकार की ओर से निर्धारित किये गये थे.

इसकी वजह से सरकार ने इस पर कड़ी नाराजगी भी जतायी है. टॉपर घोटाले को लेकर चर्चा में आये बच्चा राय कॉलेज के बाद सरकार की ओर से बीएड कॉलेजाें की जांच कराने के लिए पूरी रिपोर्ट मांगी गयी थी. इसके लिए अपर सचिव के सेंथिल कुमार ने विवि को पत्र भेजा था. पत्र में बीएड कॉलेज का प्रारूप भी तैयार करके भेजा गया था. उसी प्रारूप में कॉलेज के प्राचार्यों को कॉलेज की एक-एक जानकारी देनी थी. जिन कॉलेजों ने समय सीमा के अंदर अपनी रिपोर्ट नहीं दी है. उन 14 कॉलेजों की सरकार ने अपने स्तर से जांच करानी शुरू कर दी है.

इन्फ्रास्ट्रक्चर की भी देनी थी सूचना : बिहार सरकार के अपर सचिव के सेंथिल कुमार ने अपने पत्र में बीएड कॉलेज के सभी इन्फ्रास्ट्रक्चर की जानकारी मांगी थी. उन्होंने कॉलेज में पुस्तकालय में उपलब्ध पुस्तकों की संख्या, बहुद्देश्यीय हॉल का आकार सहित बैठने के लिए सीटों की संख्या, कमरा का आकार सहित सभी जानकारियां उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. इसके अलावा अगर कॉलेज की तरफ से कोई अन्य निर्माण छात्रों के हित में की गयी है, तो वह भी कॉलेज दे सकता है.
उपस्थिति का भी सौंपना था विवरण : सभी बीएड कॉलेजों को छात्रों की उपस्थिति का भी विवरण देना था. इसमें छात्रों के हर माह का रिपोर्ट प्रेषित करना था. इसके अलावा प्रथम वर्ष व द्वितीय वर्ष का भी पूरी मेरिट रिपोर्ट भी देनी थी. छात्र इस दौरान किस कॉलेज में बीएड का इंटर्नशिप किया है. और किन शिक्षकों ने उनका इंटर्नशिप कराया. छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन में कितने नंबर मिले और कितने छात्रों ने पास किया. पूरा ब्योरा उपलब्ध कराना था.
अब तक महज 16 बीएड कॉलेजों ने अपनी स्टेट्स रिपोर्ट सौंपी है. अन्य 14 कॉलेज अब तक रिपोर्ट नहीं दिये है. सरकार की ओर से इन कॉलेजों का पूरा ब्योरा मांगा गया था.
कुलपति, डॉ पी पलांडे

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