ब्रेन मैपिंग टेस्ट की कॉपी लेने कोर्ट पहुंची थी टीम, नौ घंटे जमी रही सीबीआइ नहीं मिली आदेश की कॉपी

मुजफ्फरपुर: बहुचर्चित नवरूणा कांड की जांच में जुटी सीबीआइ रमेश कुमार बबलू, राकेश उर्फ पप्पू व ब्रजेश सिंह की ब्रेन मैपिंग व नार्को टेस्ट मामले में फैसले की कॉपी लेने गुरुवार को कोर्ट पहुंची. वह नौ घंटे तक कोर्ट परिसर में जमी रही, लेकिन उसे कॉपी नहीं मिल सकी. आखिर में उसे बैरंग वापस लौटना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 24, 2016 1:46 AM
मुजफ्फरपुर: बहुचर्चित नवरूणा कांड की जांच में जुटी सीबीआइ रमेश कुमार बबलू, राकेश उर्फ पप्पू व ब्रजेश सिंह की ब्रेन मैपिंग व नार्को टेस्ट मामले में फैसले की कॉपी लेने गुरुवार को कोर्ट पहुंची. वह नौ घंटे तक कोर्ट परिसर में जमी रही, लेकिन उसे कॉपी नहीं मिल सकी. आखिर में उसे बैरंग वापस लौटना पड़ा.

टीम में केस के आइओ रौनक कुमार व एक सहायक शामिल थे. उनके साथ एक ड्राइवर भी था. गुरुवार को ही टीम ने शहर के तीन अन्य लोगों को पूछताछ के लिए रेस्ट हाउस बुलाया. लेकिन, कोर्ट में देर हो जाने के कारण पूछताछ नहीं हो सकी. ये तीनों कौन थे, इसका खुलासा नहीं हो सका है.

मामले में सीबीआइ ने चार लोगों की ब्रेन मैपिंग व नार्को टेस्ट कराने का फैसला लिया है. इनमें से सिर्फ सुदीप चक्रवर्ती ही इसके लिए तैयार हैं. ब्रजेश सिंह कोर्ट में समय देने के बावजूद अभी तक उपस्थित नहीं हुए हैं. वहीं दो अन्य, रमेश कुमार बबलू, राकेश उर्फ पप्पू की ‘कभी हां-कभी ना’ के कारण मामला फंसा हुआ है.

10 जून को कोर्ट में इस मामले में फैसला होना था. उस दिन दोनों ने टेस्ट में जाने से पूर्व शर्त रखी कि गांधीनगर ले जाने से पूर्व व आने के बाद उनकी स्वास्थ्य जांच की जाये. उस दिन सीबीआइ इसके लिए तैयार नहीं हुई. बाद में 17 जून को हुई सुनवाई के दौरान वह इसके लिए सहमत हो गयी. लेकिन उस दिन बबलू की ओर से कोर्ट में आवेदन देकर बताया गया कि निजी डॉक्टर से नार्को टेस्ट व ब्रेन मैपिंग के बारे में राय ली गयी है. डॉक्टर का कहना है कि नार्को टेस्ट में आदमी अपंग हो सकता है, कोमा में जा सकता है. यहां तक की उसकी मृत्यु भी हो सकती है. सीबीआइ जान-माल की गारंटी दे, तो वे टेस्ट के लिए तैयार हैं. चारों का 11 से 22 जुलाई के बीच गांधीनगर में ब्रेन मैपिंग व नार्को टेस्ट कराया जाना है. गौरतलब है कि सीबीआइ बीते दो दिनों से शहर में ही ठहरी हुई है.

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