मंजूरी से पहले, कल्वर्ट के िलए खोदा था गड्ढा
मौके से 450 फुट हट कर हुई थी खुदाई, हुआ था हंगामा निर्धारित स्थान से अलग खुदाई की अनुमति मिलने से पहले ही नगर विधायक ने कल्वर्ट की खुदाई करवा दी. मुजफ्फरपुर : गोशाला स्थित मसजिद चौक पर कल्वर्ट निर्माण को लेकर हुए विवाद में एक नया मामला सामने आया है. कल्वर्ट निर्माण के लिए […]
मौके से 450 फुट हट कर हुई थी खुदाई, हुआ था हंगामा
निर्धारित स्थान से अलग खुदाई की अनुमति मिलने से पहले ही नगर विधायक ने कल्वर्ट की खुदाई करवा दी.
मुजफ्फरपुर : गोशाला स्थित मसजिद चौक पर कल्वर्ट निर्माण को लेकर हुए विवाद में एक नया मामला सामने आया है. कल्वर्ट निर्माण के लिए जिस स्थल पर गड्ढा खोदा गया था, कल्वर्ट उससे 450 फुट आगे बनना था. नगर विधायक सुरेश शर्मा ने स्थल परिवर्तन के लिए ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल-1 के कार्यपालक अभियंता को पत्र लिखा था. हालांकि, इसकी मंजूरी मिलने से पहले ही विधायक ने नये स्थल पर न सिर्फ योजना का शिलान्यास कर दिया, बल्कि खुद अपने सामने कल्वर्ट निर्माण के लिए गड्ढा भी खोदवाया.
यह खुलासा ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल-1 के कार्यपालक अभियंता के उस पत्र से हुआ, जो उन्होंनेे 23 जून को जिला विकास शाखा के वरीय उप समाहर्ता को लिखा है. इसमें उन्होंने न सिर्फ नगर विधायक के पत्र का हवाला देते हुए योजना के कार्यस्थल में परिवर्तन पर निर्णय लेने को कहा है. इसमें पूर्व निर्धारित स्थल को लेकर स्थानीय लोगों के विरोध का भी जिक्र किया गया है.
नगर विधायक ने किया था शिलान्यास
मामला मसजिद चौक पर मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना से बन रहे कल्वर्ट का
गड्ढा खोदे जाने के तीन दिन बाद कार्यपालक अभियंता ने प्रशासन को भेजा प्रस्ताव
स्थानीय लोगों के विरोध के बाद रुका है काम
20 जून को हुआ था विवाद
बीते 20 जून को कल्वर्ट निर्माण के लिए मसजिद चौक के समीप गड्ढ़ा खोदे जाने को लेकर स्थानीय लोगों ने जम कर हंगामा किया था. सड़क पर टायर जलाकर ठेकेदार के खिलाफ नारे लगाये थे. उनका आरोप था कि बिना वैकल्पिक रास्ता के पूरी सड़क खोद दिया गया है. जलापूर्ति की पाइपलाइन के क्षतिग्रस्त होने व बीएसएनएल का वायर कट जाने से सेवा प्रभावित होने का भी उन लोगों ने आरोप लगाया था.
इस विवाद में नगर विधायक सुरेश शर्मा व पूर्व विधायक विजेंद्र चौधरी आमने-सामने आ गये थे. विवाद के बाद से काम रुका हुआ है. हालांकि कार्यपालक अभियंता ने वरीय उप समाहर्ता को जो पत्र लिखा है, उसमें दावा किया है कि कार्यस्थल में परिवर्तन बिना काम शुरू कर दिये जाने की सूचना के बाद विभागस्तर से काम रोक दिया
गया है.