मुजफ्फरपुर: उत्तर बिहार सहित नेपाल तक अपराध जगत में पैठ बनाने वाले पप्पू देव के आत्मसमर्पण की सूचना मिलते ही वैशाली पुलिस रिमांड पर लेने की तैयारी शुरू कर दी है. मुजफ्फरपुर के सब रजिस्ट्रार सूर्यदेव नारायण सिंह का अपहरण, पारू व कटरा के सब रजिस्ट्रार की हत्या 2001 में वैशाली के भगवानपुर थाना क्षेत्र में कर दी गई थी. इस मामले में कांड संख्या 91/2001 के तहत मुख्य अभियुक्त के रूप में पप्पू देव का नाम आया था. वैशाली एसपी सुरेश चौधरी ने बताया कि जल्द ही पप्पू देव को रिमांड पर लिया जायेगा.
रजिस्ट्रार अपहरण कांड के बाद चर्चा में आये पप्पू देव लगातार अपराध जगत में अपना पांव फैलाता गया. कई बार पप्पू देव व पूर्व सांसद आनंद मोहन के समर्थकों के बीच सहरसा में गोलीबारी की बात भी सामने आयी थी. पूर्व सांसद पप्पू यादव से भी पप्पू देव का छत्तीस का रिश्ता था.
नेपाल के विराट नगर के बड़े व्यवसायी तुलसी अग्रवाल का अपहरण किया गया था, जिसमें मोटी रकम फिरौती के रूप में लेने के बाद उसे मुक्त किये जाने का मामला भी सुर्खियों में रहा. एक तरह से उत्तर बिहार व नेपाल तक अपराध जगत में पप्पू देव का साम्राज्य समझा जाता था. 2003 में पप्पू देव 50 लाख से अधिक जाली नोट के साथ नेपाल में गिरफ्तार हुआ था.
इस मामले में सजा काटने के बाद बीते छह जनवरी को उसे नेपाल जेल से रिहा कर दिया गया था. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यूपी व नेपाल के सोनौली (गोरखपुर) बोर्डर के समीप पप्पू देव ने पुलिसिया दबाव के कारण मंगलवार की देर शाम आत्म समर्पण कर दिया. हालांकि चर्चा यह भी है कि नेपाल पुलिस के सहयोग से पप्पू देव को पटना एसटीएफ की टीम ने
सोनौली बोर्डर पर गिरफ्तार किया है. इस संबंध में सहरसा एसपी ने बताया कि पप्पू देव को लाने के लिए पुलिस टीम भेजी गयी है.
समाजसेवा करना चाहता है पप्पू
सहरसा प्रतिनिधि के अनुसार पूर्व जिला पार्षद व लोजपा नेत्री पप्पू देव की पत्नी पूनम देव ने कहा कि उनके पति पर दर्ज मामले निराधार है, लेकिन कानून का सम्मान करते हुए पप्पू ने आत्मसमर्पण का निर्णय लिया है. मालूम हो कि पप्पू ने पूर्व में भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विस चुनाव लड़ कर अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षा को जाहिर किया था. लोजपा नेता अनिल गिरि बताते हैं कि वे मुख्यधारा में लौट कर सामाजिक कार्य करने को इच्छुक हैं.