एसकेएमसीएच में बाहर से मंगाना पड़ता है पानी

मुजफ्फरपुर: श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज में इन दिनों पानी के लिए हाय-तौबा मची है. दो विभागों के बीच जलापूर्ति का मामला लटक जाने से कॉलेज व अस्पताल में पानी के बिना ही काम चलाना पड़ रहा है. यहां तक कि डॉक्टरों को पीने के साथ हाथ धोने के लिए भी पानी घर से लाना पड़ रहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2014 9:39 AM

मुजफ्फरपुर: श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज में इन दिनों पानी के लिए हाय-तौबा मची है. दो विभागों के बीच जलापूर्ति का मामला लटक जाने से कॉलेज व अस्पताल में पानी के बिना ही काम चलाना पड़ रहा है. यहां तक कि डॉक्टरों को पीने के साथ हाथ धोने के लिए भी पानी घर से लाना पड़ रहा है. या अस्पताल परिसर के बाहर लगे निजी चापाकल से मंगाना पड़ता है. डॉक्टरों की मानें तो शौच के लिए भी पानी उपलब्ध नहीं है. इससे खास कर महिला डॉक्टरों व नर्सिग स्टाफ को जिल्लत ङोलनी पड़ रही है. उन्हें शौच आदि के लिए दूसरों के घर का सहारा लेना पड़ रहा है.

अस्पताल के अलावा कॉलेज की भी यही स्थिति है. छात्र-छात्रओं के लिए समस्या इतनी बड़ी है कि वे कक्षा करने से भी करताने लगे हैं. उन्हें कई बार वर्ग में जाने से पहले पानी के लिए नल पर कतार में खड़ा होना पड़ता है. परिसर में लगा आरओ भी महीनों से पानी की राह देख रहा है. अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ सुनील शाही ने बताया, अस्पताल में पानी की समस्या कई माह से बनी है. इसके लिए विभाग व डीएम को भी कई बार पत्र लिखा गया. लेकिन, महीना बीत जाने के बाद भी कोई सुनने को तैयार नहीं है.

अस्पताल के चारों ओर फैली गंदगी : मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की जलापूर्ति पहले ‘पीडब्लूडी’ व ‘पीएचइडी’ के अधीन था. लेकिन कुछ माह पहले सरकार के आदेश के बाद भवन निर्माण विभाग को सौंप दिया गया. एक साल से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी विभाग इस समस्या से निजात दिलाने में सफल नहीं हो सका है. पानी की घोर किल्लत के कारण साफ-सफाई पर भी खासा प्रभाव पड़ रहा है. चारों ओर गंदगी फैला रह रही है. नर्सिग व एमबीबीएस छात्रवास में छात्र-छात्राएं टंकी में कई दिनों का जमा पानी पीने को मजबूर हैं. छात्रों ने बताया कि ठंड के कारण कम पानी से काम चल भी जाता है. यही स्थिति रही तो गरमी में बाहर से पानी खरीद कर मंगाना पड़ेगा.

‘‘ बार-बार लोक स्वास्थ्य व भवन निर्माण विभाग को इस समस्या की जानकारी दी गयी. लेकिन अधिकारी सुनने को तैयार नहीं हैं. इस मामले में डीएम को भी लिखित शिकायत की गयी है. स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव ने डीएम को पानी की समस्या जल्द दूर करने का निर्देश दिया था.
डॉ जीके ठाकुर, अधीक्षक एसकेएमसीएच

पहले से पीएचडी देखता था. हमारे यहां मिस्त्री बाहर से आया है. वह काम कर रहा है. उसे काम समझना पड़ेगा. इसलिए ठीक करने में समय तो लगेगा ही.
ईश्वरी सिंह,कार्यपालक अभियंता भवन प्रमंडल

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