मुखिया के एनओसी पर बन रहे मल्टी काॅम्प्लेक्स

मुजफ्फरपुर : स्मार्ट सिटी में शामिल होने के लिए दस्तक दे रहे शहर के टाउनशिप मानक को लेकर कितनी लापरवाही बरती जा रही है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शहर के सटे इलाके (निगम क्षेत्र से बाहर) बन रहे बहुमंजिली इमारत का रिकार्ड प्रशासन के पास नहीं है. स्थिति यह है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 11, 2016 9:21 AM
मुजफ्फरपुर : स्मार्ट सिटी में शामिल होने के लिए दस्तक दे रहे शहर के टाउनशिप मानक को लेकर कितनी लापरवाही बरती जा रही है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शहर के सटे इलाके (निगम क्षेत्र से बाहर) बन रहे बहुमंजिली इमारत का रिकार्ड प्रशासन के पास नहीं है. स्थिति यह है कि मुखिया के एनआेसी पर बहुमंजिली इमारत के निर्माण के लिए नक्शा बन जाता है. यही नहीं, इसी नक्शे व कागजात पर बैंक से लोन भी मिल जाता है. खासतौर पर कॉमर्शियल मल्टी कॉम्प्लेक्स जो 15 मीटर से ऊपर की ऊंचाई के हैं, इनका भी यही हाल है.
इसकी मूल वजह एमआरडीए
के पास शहर के बाहर के एरिया के निर्माण के लिए गाइडलाइन नहीं होना है. गाइडलाइन नहीं होने के कारण शहर के बाहर मनमाने तरीके से मल्टी स्टोरी का निर्माण चल रहा है. जबकि जो बिल्डिंग बायलॉज नगर क्षेत्र के लिए है, वही पंचायत क्षेत्र के लिए मान्य है. अगर प्रशासन समय रहते ऐसे निर्माण पर लगाम नहीं लगाता है, तो शहर विस्तारीकरण या स्मार्ट सिटी बनने में अवरोधक बन सकता है.
शहर के भौगौलिक स्थिति पर गौर करें तो पंचायत क्षेत्र होते हुए भी शहर बन चुके जीरोमाइल, भगवानपुर, बैरिया व शेरपुर समेत आसपास के अन्य इलाकों में कॉमर्शियल काॅम्प्लेक्स, अस्पताल व शिक्षण संस्थान के लिए बहुमंजिली इमारत का निर्माण तेजी से हो रहा है. जानकारों के मुताबिक इन इलाकों में कई ऐसे बिल्डर काम कर रहे हैं, जिनका रजिस्ट्रेशन तक नहीं है. ऐसे बिल्डर बड़े-बड़े भवन का निर्माण करा रहे हैं.

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