49 एकड़ जमीन का नहीं होगा एसआइए

87 लाख रुपये लिये जायेंगे वापस मामला बंगरा घाट पुल व संपर्क पथ के निर्माण का मुजफ्फरपुर : बंगरा घाट पुल व उसके संपर्क पथ के निर्माण के लिए जमीन सतत लीज पर लेने के फैसले के साथ ही अब जमीन के सामाजिक प्रभाव का मूल्यांकन (एसआइए) कराने की बाध्यता भी समाप्त हो गयी है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 14, 2016 2:02 AM

87 लाख रुपये लिये जायेंगे वापस

मामला बंगरा घाट पुल व संपर्क पथ के निर्माण का
मुजफ्फरपुर : बंगरा घाट पुल व उसके संपर्क पथ के निर्माण के लिए जमीन सतत लीज पर लेने के फैसले के साथ ही अब जमीन के सामाजिक प्रभाव का मूल्यांकन (एसआइए) कराने की बाध्यता भी समाप्त हो गयी है. पथ निर्माण विभाग ने इसके लिए किसी भी प्रकार के भुगतान से इनकार कर दिया है. इसके लिए एएन सिन्हा सामाजिक अध्ययन संस्थान, पटना को पूर्व में दी गयी 87 लाख 66 हजार 450 रुपये भी वापस ले ली जायेगी.
जिला भू-अर्जन विभाग ने इसके लिए संस्था के निदेशक को पत्र भी भेज दिया है. मुजफ्फरपुर व सारण जिला के एसएच-74 व एसएच-92 को जोड़ने के लिए गोपालगंज में बंगरा घाट पुल व संपर्क पथ का निर्माण किया जाना है. मुजफ्फरपुर में इसके लिए साहेबगंज प्रखंड के सात गांवों में 49.0655 एकड़ जमीन की जरूरत है. अर्जन नीति के तहत जमीन के अर्जन से पूर्व उसके सामाजिक प्रभाव का मूल्यांकन कराना अनिवार्य है. सतत लीज में ऐसी कोई बाध्यता नहीं है,
बल्कि किसानों से बातचीत के आधार पर सहमति बनानी है. जिला भू-अर्जन विभाग के सहयोग से किसान अपनी जमीन देने के लिए सहमत भी हो गये हैं. यही नहीं विभाग किसानों के स्वामित्व की जांच भी करवा चुकी है. जल्द ही लीज की कानूनी प्रक्रिया भी पूरी कर ली जायेगी.
पथ निर्माण विभाग का फैसला, राशि देने से भी इनकार
सतत लीज में जमीन के एसआइए की नहीं है बाध्यता
एएन इंस्टीट्यूट सामाजिक अध्ययन संस्थान पटना को पूर्व में दी गयी थी राशि
– जिला भू-अर्जन विभाग ने संस्थान के निदेशक को राशि वापस करने के लिए भेजा पत्र

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