सीपीइ से एमडीडीएम को मिला डेढ़ करोड़
मुजफ्फरपुर: एमडीडीएम को सीपीइ का दर्जा मिलने के बाद यूजीसी की ओर से डेढ़ करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है. इसमें लैब, कंप्यूटर, टीचिंग, लाइब्रेरी ऑटोमोशन, किताब, सॉफ्टवेयर, इंटरनेट सर्विस आदि मद पर खर्च करना है. यह राशि कॉलेज के सूरत में बदलाव करेगी. उक्त बातें एमडीडीम की प्राचार्या डॉ ममता रानी ने प्रेसवार्ता […]
मुजफ्फरपुर: एमडीडीएम को सीपीइ का दर्जा मिलने के बाद यूजीसी की ओर से डेढ़ करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है. इसमें लैब, कंप्यूटर, टीचिंग, लाइब्रेरी ऑटोमोशन, किताब, सॉफ्टवेयर, इंटरनेट सर्विस आदि मद पर खर्च करना है. यह राशि कॉलेज के सूरत में बदलाव करेगी. उक्त बातें एमडीडीम की प्राचार्या डॉ ममता रानी ने प्रेसवार्ता के दौरान कही.
उन्होंने कहा कि सीपीइ का दर्जा मिलने के बाद कॉलेज ने सभी मानकों को पूरा किया है. इसके तहत कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद कर दी गई. बताया कि छात्राओं के बेहतर भविष्य के लिए स्किल डेवलपमेंट, अत्याधुनिक क्लास रूम, इंटरनेट क्नेक्टविटी, किताब, लाइब्रेरी ऑटोमोशन, टीचिंग, लैग्वेंज लैब एक्यूमेंट, लैब अप ग्रेजएशन पर खर्च 90 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे. इसके अलावा लैब में रसायन आदि की पूरी तरह से छात्राओं को मिल सके. इसके लिए लिए दस लाख, साॅफ्टवेयर की पढ़ाई के लिए 10 लाख, इंटरनेट सर्विस पर 10 लाख खर्च किए जाएंगे. बताया कि खेल पर दिया विशेष जाेर दिया जाएगा. जिससे की छात्राओं को खेल से अधिक से अधिक संख्या में जोड़ा जा सके. इस मौके पर सीपीइ की कोर्डिनेटर डॉ नीलम कुमारी, डॉ उषा कुमारी, डॉ सुशीला सिंह, इंद्र कुमार, अजीत कुमार आदि मौजूद रहे.
उन्होंने कहा कि यूजीसी की ओर से मिलने वाली इस राशि में वोकेशनल कोर्स में एक भी रुपये नहीं खर्च करने है. सीपीइ की ओर से यह निर्णय लिया गया है. सीपीइ के जो मानक है, उन्हें के अनुरूप कॉलेज पैसों का खर्च छात्राओं की बेहतर शिक्षा के लिए खर्च करेगा.
फीस वृद्धि का दिया संकेत
डॉ ममता रानी ने बताया कि सीपीइ का दर्जा मिलने के बाद अगर कॉलेज छात्राआें को बेहतर सुविधा के साथ स्मार्ट क्लास और स्मार्ट पढ़ाई देगा तो उसे शुल्क वृद्धि का भी अधिकार है. बेहतर शिक्षा के लिए फीस वृद्धि की जा सकती है. हालांकि उन्होंने नये सत्र से फीस वृद्धि के मामले को इनकार किया.