अनशन पर बैठे छात्रों ने बंद कराया विश्वविद्यालय
मुजफ्फरपुर: पीजी में फीस बढ़ोतरी, प्रथम सेमेस्टर में फेल छात्रों की स्पेशल परीक्षा, केंद्रीय पुस्तकालय में बढ़ी हुई फीस को वापस लेने की मांग को लेकर छात्रों का गुस्सा गुरुवार को फिर भड़क उठा. छात्रों ने विरोध स्वरूप विवि को बंद कराते हुए आमरण अनशन पर बैठ गये. साथ ही विवि के खिलाफ जमकर नारेबाजी […]
मुजफ्फरपुर: पीजी में फीस बढ़ोतरी, प्रथम सेमेस्टर में फेल छात्रों की स्पेशल परीक्षा, केंद्रीय पुस्तकालय में बढ़ी हुई फीस को वापस लेने की मांग को लेकर छात्रों का गुस्सा गुरुवार को फिर भड़क उठा. छात्रों ने विरोध स्वरूप विवि को बंद कराते हुए आमरण अनशन पर बैठ गये. साथ ही विवि के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. छात्रों ने कहा कि विवि तानाशाही रवैया अपना रहा है. यही वजह है कि फेल हुए छात्रों पर विवि की लापरवाही से कोई निर्णय नहीं हो पा रहा है.
हिंदुस्तानी आवाम मोरचा विवि अध्यक्ष संकेत मिश्रा व रालोसपा के जिलाध्यक्ष रंजन कुमार ने संयुक्त रूप अामरण अनशन की अगुआई करते हुए कहा कि पीजी फर्स्ट सेमेस्टर के छात्रों के साथ विवि ने दोहरी नीति अपनायी है. शिक्षकों की लापरवाही से छात्र फेल हुए है. इसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. कहा कि विवि ने तीन अगस्त परीक्षा की तिथि घोषित कर दी गयी है. अगर इस तिथि के अंदर कोई निर्णय नहीं लिया जाता है, तो ढाई हजार से अधिक छात्रों को भविष्य बरबाद होगा. कहा कि पीजी में सात गुना फीस बढ़ोत्तरी कर दी गयी. लाइब्रेरी के छात्र मनीष ने कहा कि अचानक लाइब्रेरी के फीस में बढ़ोत्तरी कर दी गयी है, जो पूरी तरह से गलत है. इसका विरोध किया जायेगा. जब तक फीस वापस नहीं ली जाती है. तब तक विरोध जारी रहेगा. इस दौरान प्रोवीसी डॉ प्रभा किरण ने छात्रों से मुलाकात की, लेकिन वह नहीं माने. अामरण अनशन करने वालों में कुंदन सिंह, नारायण पांडेय, अजीत कुमार, अासिफ इकबाल अादि मौजूद रहे.
विवि बचाओ संघर्ष समिति भी उतरेगा समर्थन में
मुजफ्फरपुर. बीआरए बिहार विवि बचाओ सघर्ष समिति भी अामरण अनशन पर बैठे छात्रों के सपोर्ट में आज से अनशन पर बैठेगा. यह जानकारी जिलाध्यक्ष अविनाश कुमार झा ने दी. बताया कि शुक्रवार को समिति के कंचन कुमार, विक्रम, विक्की आदि शामिल रहेंगे.
अनशन पर बैठे छात्रों से प्रोवीसी डॉ प्रभा किरण ने बातचीत के क्रम में अंडर टेकिंग फीस की बात की. कहा छात्रों से एक शपथ पत्र भरवाया जाएगा, जिसमें पहले एक हजार रुपये लिए जाएंगे. अगर राजभवन फीस को माफ कर देगा, तो उनके बढ़े हुए फीस को विवि वापस दे देगा. अगर राजभवन ने फीस नहीं माफ किया तो उनसे सेकेंड सेेमेस्टर में बढ़े हुए फीस लेगा. लेकिन छात्र नहीं माने.