47 दिन में एक भी रजिस्ट्री नहीं हुई
मुजफ्फरपुर: जमीन रजिस्ट्री के लिये ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया एक जून से पूरे राज्य में लागू है. मुजफ्फरपुर में ऑनलाइन सिस्टम को 17 जून से लागू किया गया, लेकिन अब भी मैनुअल तरीके से जमीन की रजिस्ट्री कराया जा रहा है. मतलब ऑनलाइन सिस्टम पर कातिब राज हावी है. करीब डेढ़ माह होने को है, […]
मुजफ्फरपुर: जमीन रजिस्ट्री के लिये ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया एक जून से पूरे राज्य में लागू है. मुजफ्फरपुर में ऑनलाइन सिस्टम को 17 जून से लागू किया गया, लेकिन अब भी मैनुअल तरीके से जमीन की रजिस्ट्री कराया जा रहा है. मतलब ऑनलाइन सिस्टम पर कातिब राज हावी है. करीब डेढ़ माह होने को है, लेकिन अब तक एक भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है. सरकार की तरफ से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर पेमेंट जमा करने पर स्टॉप ड्यूटी में दो हजार रुपये तक की विशेष छूट भी दी गयी है. बावजूद रजिस्ट्री फीस ऑनलाइन जमा करने का रिस्क लोग नहीं उठा रहे हैं.
जिला निबंधन ऑफिस के आंकड़ा पर गौर करें, तो जुलाई माह में 4326 जमीन के दस्तावेजों की रजिस्ट्री हुई है. इसमें 900 दस्तावेज पार्टी की तरफ से निबंधन ऑफिस में खुले ‘मे आइ हेल्प यू’ काउंटर से आवेदन कर किया गया है. बाकी रजिस्ट्री कातिबों के द्वारा ऑफलाइन किया गया है. इससे सरकार को 15.11 करोड़ रुपये की आमदनी हुई.
क्या कहते हैं अधिकारी : जिला अवर निबंधक निलेश कुमार कहते हैं- ऑनलाइन प्रक्रिया लोगों को सुविधा देने के लिए शुरू की गयी है, लेकिन लोग मैनुअली तरीका अधिक अपना रहे हैं. धीरे-धीरे लोग जागरूक हो रहे हैं.
ऑनलाइन के लिए सबसे पहले विभाग की वेबसाइट registration.bih.nic.in पर मौजूद लिंक पर जाकर क्रेता, विक्रेता और पहचानकर्ता के बारे में सारी जानकारी के साथ-साथ जमीन का विवरण अपलोड करना होगा. प्रक्रिया पूरी होते ही जमीन के वर्गीकरण के आधार उसकी कीमत और फीस की राशि का चालान भी मिल जायेगा. फीस जमा करने के लिए एटीएम कार्ड-क्रेडिट कार्ड या ऑनलाइन बैंकिंग में किसी एक विकल्प का चयन कर स्टांप समेत अन्य शुल्क को जमा कर सकते हैं. रजिस्ट्री से जुड़े पक्षकारों को संबंधित रजिस्ट्री ऑफिस में एक निश्चित समय पर बुलाया जायेगा और दस्तावेज थमा दिया जायेगा.