पूर्व वीसी व रजिस्ट्रार पर होगी प्राथमिकी

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि के पूर्व कुलपति डॉ विमल कुमार व रजिस्टार एपी मिश्र पर प्राथमिकी दर्ज होगी. प्राथमिकी निगरानी थाने पटना में होगी. दोनों पर सुविधा विहीन डेढ़ दर्जन कॉलेजों को मान्यता देने का मामला सत्य पाया गया है. इस संबंध में वकील सुधीर कुमार ओझा की ओर से निगरानी कोर्ट में 25 जनवरी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 28, 2014 10:34 AM

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि के पूर्व कुलपति डॉ विमल कुमार व रजिस्टार एपी मिश्र पर प्राथमिकी दर्ज होगी. प्राथमिकी निगरानी थाने पटना में होगी. दोनों पर सुविधा विहीन डेढ़ दर्जन कॉलेजों को मान्यता देने का मामला सत्य पाया गया है. इस संबंध में वकील सुधीर कुमार ओझा की ओर से निगरानी कोर्ट में 25 जनवरी 21012 को मामला दर्ज कराया गया था.

निगरानी कोर्ट में दर्ज कराये गये मामले में उन्तीस कॉलेजों को संबद्धता देने पर सवाल उठाया था. कोर्ट ने इस पर जांच का निर्देश दिया था. इस मामले की जांच निगरानी एसपी परवेज अख्तर ने की थी. उन्होंने 18 जून 2013 को कोर्ट में जांच रिपोर्ट जमा की थी. जांच रिपोर्ट के आधार पर ही निगरानी कोर्ट के जज सुबोध कुमार श्रीवास्तव ने तत्कालीन कुलपति व रजिस्टार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया है.

कोर्ट ने संबंधित कॉलेजों के खिलाफ भी प्राथमिकी का आदेश दिया है, जिन्हें संबद्धता दी गयी थी. साथ ही सवाल उन कमेटी में शामिल सदस्यों पर भी उठाया गया है, जिन्होंने अपनी रिपोर्ट में इन कॉलेजों को संबद्धता के लायक बताया था. साथ ही कोर्ट ने उन कॉलेजों की जांच फिर से कराने का निर्देश भी दिया है, जिनको निगरानी एसपी ने जांच के दौरान क्लीन चिट दी थी.

अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने जो मामला दर्ज कराया था. उसमें निजी सुरक्षा गार्ड रखे जाने का मामला भी उठाया था. इनके नाम पर दस लाख से ज्यादा खर्च किये गये थे. सरकारी वकील होने के बाद भी निजी वकील रख कर केस लड़ने का मामला भी उठाया गया था. निजी वकीलों को विवि की ओर से तेरह लाख पंद्रह हजार का भुगतान किया गया था. गुमनाम पत्रिका अनुपम उपहार को ढाई लाख का विज्ञापन देने का मामला भी इसमें उठाया गया था. जांच के दौरान इन मामलों को भी सत्य पाया गया. इन पर भी कार्रवाई का निर्देश निगरानी कोर्ट ओर दिया गया है.

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